उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के पास पहुंचा मुजफ्फरपुर महापौर और नगर आयुक्त का विवाद,19 को टकराव के असार
उप मुख्यमंत्री से मिलकर महापौर ने की नगर आयुक्त की शिकायत पार्षदों की ओर से बुलाई गई बोर्ड की बैठक पर रोक लगाने की मांग। नगर आयुक्त के पक्ष में उतरे महापौर विरोधी पार्षद नगर विधायक के भी खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
मुजफ्फरपुर, जासं। नगर निगम की राजनीति चरम पर पहुंच गई है। महापौर ई. राकेश कुमार एवं नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय के बीच चल रहा टकराव अब सरकार तक पहुंच गया है। दूसरी और 19 मई को ही नगर विधायक विजेंद्र चौधरी के शहर बंदी की घोषणा, 20 पार्षदों द्वारा महापौर के खिलाफ बुलाई गई बोर्ड की बैठक तथा महापौर द्वारा रखी गई सशक्त स्थायी समिति की बैठक से टकराव के असार पैदा हो गए हैं। सोमवार को महापौर ने पटना में उप मुख्यमंत्री व नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद से मिलकर नगर आयुक्त की शिकायत की। उन्होंने नगर आयुक्त पर बोर्ड की असंवैधानिक बैठक आयोजित करने एवं मनमानी का आरोप लगाया। साथ ही 19 मई को उनके खिलाफ पार्षदों द्वारा बुलाई गई बोर्ड की बैठक पर रोक लगाने का अनुरोध किया।
उधर, महापौर के समर्थन में नगर विधायक के उतरते ही महापौर विरोधी पार्षदों ने भी नगर आयुक्त के समर्थन में नगर विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वार्ड 21 के पार्षद केपी पप्पू ने कहा, नगर विधायक निजी स्वार्थ की पूर्ति नहीं होने पर नगर आयुक्त पर गलत आरोप लगा रहे हैं। फरदो नाले की उड़ाही पर हो रहे खर्च 1.80 करोड़ रुपये पर उनकी नजर है। नगर आयुक्त के रहते निगम में उनकी मनमानी नहीं चल रही है। इससे भी वह नाराज हैं। वार्ड 20 के पार्षद संजय कुमार केजरीवाल ने कहा कि विधायक ने बंद का एलान कर व्यापारियों को परेशान करने का काम किया है। उनको शहर की इतनी ही ङ्क्षचता है तो वह अनशन पर बैठकर विरोध करें। हम उनका साथ देंगे। वार्ड 46 के पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह ने कहा है कि निगम के अधिकतर पार्षद नगर आयुक्त के साथ हैं। नगर विधायक के शहर को बर्बाद करने वाली राजनीति को सफल नहीं होने देंगे।
ईमानदारी से अपनी जिम्मेवारी निभा रहा
मुजफ्फरपुर : आरोप-प्रत्यारोप से अलग नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि वे ईमानदारी से अपनी जिम्मेवारी निभा रहे हैं। फल की चिंता नहीं। शहर या निगम की राजनीति से उनको कोई लेना देना नहीं। सारा ध्यान शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने पर है। फरदो नाले की उड़ाही 15 दिनों में पूरी कर ली जाएगी। आउटलेटों की भी सफाई की जा रही है। कई योजनाओं को पूरा करने की उनपर जिम्मेवारी है। लगातार उसमें लगे हुए है। अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा।