बालिका गृहकांड का अब खुल जाएगा राज: ब्रजेश की राजदार मधु ने किया सरेंडर
मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड में फरार चल रही ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु ने सीबीआइ के सामने सरेंडर किया है। सीबीआइ उससे पूछताछ कर रही है। पूछताछ में बड़ा खुलासा हो सकता है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन । बालिका गृह यौन हिंसा प्रकरण में मोस्टवांटेड मधु ने मंगलवार को कोर्ट परिसर में खुद को सीबीआइ अधिकारियों के हवाले कर दिया है। इसके बाद सीबीआइ पूछताछ के लिए उसे अपने साथ कैंप कार्यालय ले गई। उससे पूछताछ जारी है।
करीब छह माह पहले बालिका गृह यौन हिंसा प्रकरण सामने आया था। इसके बाद से ही पुलिस और बाद में सीबीआइ को उसकी तलाश थी। इसी क्रम में मंगलवार को फरार चल रही मधु कोर्ट खुलने से पहले ही वहां पहुंच गई। उसने पहले अपने अधिवक्ता से विचार-विमर्श किया।
जानकारी ली कि उसके खिलाफ कोर्ट में कोई मामला तो नहीं। जब ऐसी कोई बात सामने नहीं आई तो अधिवक्ता की सलाह पर उसने खुद को सीबीआइ के हवाले करने का निर्णय लिया। आइओ सीबीआइ अधिकारी विभा कुमारी को उसने कॉल कर कोर्ट में होने की सूचना दी। इसके बाद सीबीआइ अधिकारी पहुंचे और उसे अपने कब्जे में ले लिया।
ब्रजेश की खास व बालिका गृह की राजदार मधु
न्यायिक हिरासत में पटियाला जेल में बंद बालिका गृह यौन हिंसा मामले के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की मधु खास राजदार है। बालिका गृह के कर्मियों की बहाली से लेकर उसके संचालन तक में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी। ब्रजेश ठाकुर की कृपा से ही उसे एनजीओ वामा शक्ति वाहिनी का मुख्य कर्ता-धर्ता बनाया गया था। पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में एनजीओ का काम वही देखती थी।
मधु की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआइ थी बेचैन
मधु की गिरफ्तारी के लिए सीबीआइ बेचैन थी। पिछले दिनों उसके घर पर कई बार छापेमारी की गई थी। उसके परिजनों से पूछताछ भी की गई। इसके बाद झंझारपुर में उसकी चचेरी बहन के घर पर भी छापेमारी की गई। वहां उसके रिश्तेदार को हिरासत में लिया गया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया। तीन दिन पहले शहर के कई इलाकों में मेंस ब्यूटी पार्लरों पर छापेमारी कर सीबीआइ ने मधु की जानकारी ली थी। उसे शक था कि बालिका गृह की लड़कियों को ब्यूटी पार्लर लाकर बाहर भेजने में मधु की मुख्य भूमिका थी।
ब्रजेश की साधारण स्टाफ थी, कोई राजदार नहीं : मधु
सीबीआइ की गिरफ्त में आई मधु ने साफ-साफ कहा है कि बालिका गृह से उसका कोई वास्ता नहीं है। वह ब्रजेश ठाकुर की एक साधारण स्टाफ थी, कोई राजदार नहीं। राजदार तो उन्हें बना दिया गया है। वह नहीं जानती है कि बालिका गृह मामले में क्या सही है और क्या गलत। यह तो वहां के कर्मचारी ही बता सकते।
उसने कहा कि वामा शक्ति वाहिनी एवं सेवा संकल्प व विकास समिति अलग-अलग है। वामा शक्ति वाहिनी उसकी है। इसलिए दोनों संस्थाओं को एक साथ न जोड़ें। मैं बालिका गृह कभी नहीं जाती थी। किसी ने मुझे वहां देखा है क्या? पुलिस व सीबीआइ से अपने को छुपने-छुपाने पर सफाई देते हुए उसने कहा कि मेरे खिलाफ न तो कोर्ट से वारंट है और न ही पुलिस ने विधिवत पूछताछ की, न लड़कियों के बयान में मेरा नाम आया और न ही सीबीआइ ने नोटिस किया।
मेरे घर पर छापेमारी में कुछ नहीं मिला है। फिर किस आधार पर कहा जा रहा है कि मैं छुप रही थी। सीबीआइ मेरे घर पर गई और पूछताछ की तो मैं सामने आ गई। बालिका गृहकांड के खुलासे के बाद मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद से मधु फरार चल रही थी। मधु ने मीडिया को बताया कि वह निर्दोष है। उसने कहा है कि इस घटना की प्राथमिकी में भी उसका नाम नहीं है।