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मुजफ्फरपुर: स्वास्थ्य विभाग में चार पद रिक्त, 60 करोड़ के आवंटन पर ग्रहण, वेतन का भी संकट

सिविल सर्जन एसीएमओ सदर अस्पताल अधीक्षक व क्षेत्रीय अपर निदेशक का पद खाली। फरवरी व मार्च के वेतन और अन्य आवंटन वापसी का मंडराने लगा खतरा। वेतन के भरोसे रहने वाले दो हजार परिवारों पर संकट के बादल।

By Ajit kumarEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 09:36 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 09:36 AM (IST)
मुजफ्फरपुर: स्वास्थ्य विभाग में चार पद रिक्त, 60 करोड़ के आवंटन पर ग्रहण, वेतन का भी संकट
तीन मार्च तक किसी भी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है।

मुजफ्फरपुर, जासं। स्वास्थ्य विभाग बिना स्थायी अधिकारी के चल रहा है। 31 जनवरी से चार महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं। इसमें सिविल सर्जन, एसीएमओ, सदर अस्पताल अधीक्षक व क्षेत्रीय अपर निदेशक का पद शामिल है। सभी महत्वपूर्ण पद खाली रहने से इस वित्तीय वर्ष में सरकार की ओर से वेतन व अन्य मद में आवंटित राशि वापसी का संकट गहराने लगा है।

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जानकारों की मानें तो निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के नहीं रहने से सरकार की ओर से आवंटित राशि खर्च नहीं हो पा रही है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वेतन व अन्य मद की करीब 60 करोड़ की राशि सरेंडर कर दी जाएगी। इसे दोबारा आने में समय लगेगा। इस बीच फरवरी के बाद अब मार्च का वेतन नहीं मिलने की संभावना बढ़ रही है। तीन मार्च तक किसी भी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है।

प्रभारी सिविल सर्जन पर पूरा दारोमदार

सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए थे। उनके पास सिविल सर्जन के साथ सदर अस्पताल अधीक्षक व क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक की भी जवाबदेही थी। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.विनय कुमार शर्मा को सीएस, सदर अस्पताल अधीक्षक व क्षेत्रीय अपर निदेशक का स्थानीय प्रभार दिया गया। इस बीच अचानक एसीएमओ का तबादला सिविल सर्जन मुंगेर के पद पर कर दिया गया। उनके जाने के बाद से सभी पद खाली हो गए। इस बीच एसीएमओ ने दैनिक व्यवस्था संचालन के लिए जिला फाइलेरिया पदाधिकारी डॉ.हरेंद्र आलोक को वरीय चिकित्सक होने के नाते स्थानीय प्रभार देकर चले गए। विभाग की ओर से उनको वित्तीय अधिकार नहीं दिया गया और न ही किसी नए पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई। डॉ.आलोक केवल दैनिक काम का निपटारा व निगरानी कर रहे हंै। वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार नहीं रहने से वेतन व अन्य राशि की निकासी बंद है।

ये काम हो रहे प्रभावित

- सिविल सर्जन की स्थायी नियुक्ति नहीं होने से दो हजार से अधिक परिवारों के समक्ष गहरा रहा वेतन का संकट

- फरवरी व मार्च यानी दो माह का वेतन नहीं मिलने से बिगड़ रहा घर का बजट, बढऩे लगी आर्थिक परेशानी

- एएनएम ट्रेनिंग कॉलेज की करीब 500 छात्राओं को नहीं मिल पा रही छात्रवृत्ति की राशि

- क्षेत्रीय अपर निदेशक, सिविल सर्जन, अधीक्षक और एसीएमओ कार्यालय से जुड़े कर्मियों के वेतन व अन्य कार्यालय व्यय की नहीं हो रही निकासी

- जननी बाल सुरक्षा योजना, एईएस, कालाजार नियंत्रण, करोना टीकाकरण व अन्य राष्ट्रीय अभियान के लिए राशि खर्च करने का संकट बना है। सभी अभियान प्रभावित हो रहे हैं।

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