Muzaffarpur : पुलिस लाइन मैदान व आसपास की 27 एकड़ जमीन पर सीपीडब्ल्यूडी का दावा
विभाग के अधीक्षण अभियंता ने डीएम को पत्र लिखकर अतिक्रमण खाली कराने का किया आग्रह। इस क्षेत्र में खुलेगी विभाग की केंद्रीय अंचल इकाई होंगे सुरक्षा से जुड़े निर्माण कार्य। एमआइटी और दाउदपुर कोठी के आसपास के इलाके में विभाग की जमीन का दिया ब्योरा।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की इकाई की स्थापना होगी। इसके लिए विभाग ने अपनी जमीन की तलाश शुरू कर दी है। इस क्रम में विभाग ने एमआइटी और दाउदपुर कोठी क्षेत्र के आसपास अपनी करीब 27 एकड़ जमीन होने का दावा किया है। इसमें पुलिस लाइन, उसका मैदान और स्थानीय लोगों के कब्जे की जमीन शामिल है।
डीएम को दिए पत्र में सीपीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता ने कहा कि विभाग सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण निर्माण कार्य करता है। इसमें एसएसबी, सीआरपीएफ, एसआइबी, आटीबीपी आदि के लिए कार्यालय, भवन व अन्य निर्माण विभाग से किए जाते हैं। उत्तर बिहार में इस तरह के निर्माण के लिए मुजफ्फरपुर में केंद्रीय अंचल इकाई की स्थापना की जानी है। वर्तमान में इमलीचट्टी स्थित कस्टम कॉम्प्लेक्स में इसका कार्यालय चल रहा है। इकाई के लिए बड़े भू-भाग की जरूरत है। एमआइटी और दाउदपुर कोठी क्षेत्र में विभाग की 26.27 एकड़ जमीन है। वर्तमान में यह जमीन अतिक्रमित है। राज्य सरकार की पुलिस लाइन और मैदान के अलावा स्थानीय लोगों ने जमीन पर कब्जा किया हुआ है।
अधीक्षण अभियंता ने डीएम से इस संबंध में उचित आदेश जारी करने का आग्रह किया है। ताकि अतिक्रमण को हटाया जा सके। साथ ही उक्त जमीन पर विभाग की मल्टीस्टोरी ब्लिडिंग तैयार हो सके। इसके अलावा केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालय और आवासीय कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो सके।
विद्यालय में महिला शिक्षक को कुर्सी व डंडा फेंककर मारा
मुजफ्फरपुर : मुशहरी प्रखंड अंतर्गत दीघरा स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में घुसकर महिला शिक्षक रेखा कुमारी को कुर्सी व डंडा फेंककर मारने का मामला सामने आया है। पीडि़ता ने दीघरा रामपुर साह के देवेंद्र ठाकुर व उसकी पत्नी मालती देवी को आरोपित बनाया है। थानाध्यक्ष सत्येंद्र सिन्हा ने कहा कि छानबीन कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीडि़ता ने बताया कि वे विद्यालय में पढ़ा रही थीं। इसी बीच दो छात्रों के बीच झगड़ा हुआ। समझाकर दोनों को शांत करा दिया। इसके बाद एक छात्र के पिता व मां विद्यालय आईं और गाली-गलौज कर धमकी देने लगीं। आरोपित ने कुर्सी फेंककर उनपर हमला किया। कुर्सी उनकी कोहनी पर लगी। आरोपित की पत्नी डंडा लेकर मारने के लिए दौड़ी। बचने के क्रम में वे गिर गईं। डंडा दीवार पर लगा। इसके बाद वे जान बचाकर कार्यालय में छिप गईं। आरोपित वहां भी पहुंचा और कुर्सी फेंककर मारी, लेकिन वह बाल-बाल बच गईं। हल्ला-हंगामा सुनकर विद्यालय के अन्य शिक्षक कार्यालय पहुंचे और बीचबचाव कर मामले को शांत किया। इससे विद्यालय का कार्य व पठन-पाठन बाधित हुआ। इसके बाद पीडि़ता ने 17 मार्च को प्राथमिकी दर्ज करने को आवेदन दिया। इसपर अन्य शिक्षकों ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर भी किए हैं। साथ ही कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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