मुजजफ्फरपुर में 28 नए मरीज मिले कोरोना संक्रमित
Muzaffarpur Corona News Update पांच नए मरीजों को बिहार परीक्षा समिति स्थित डेडीकेटेड कोविड सेंटर में किया गया भर्ती।15 पाजिटिव का एसकेएमसीएच में चल रहा उपचार छह मरीज आक्सीजन पर सबकी हालत में तेजी से हो रहा सुधार।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में शुक्रवार को 5,160 नमूनों की जांच हुई। 28 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। संक्रमितों में एक अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के छह कर्मी, चार पुलिस जवान शामिल हैं। सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जितने मरीज मिले, उससे चार गुना यानी 109 मरीज स्वस्थ हुए। इस बीच बिहार परीक्षा समिति स्थित डेडीकेटेड कोविड सेंटर में पांच नए मरीज भर्ती हुए। ठीक होने के बाद दो मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। एसकेएमसीएच में 15 मरीज भर्ती हैं। इनमें से छह आक्सीजन पर हैं। सभी भर्ती मरीज की स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है। अन्य मरीजों की हालात में भी सुधार हो रहा है। जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए आंकड़े के अनुसार जिले में अब एक्टिव केस की संख्या 566 रह गई है।
संक्रमित मरीजों की घट रही संख्या
सिविल सर्जन ने बताया कि रिकवरी दर इस बार बेहतर है। कोरोना इलाज के नोडल पदाधिकारी डा.नवीन कुमार ने बताया कि मरीज संक्रमण के एक सप्ताह के अंदर स्वस्थ हो जा रहे हैं।
मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल का सील खोलने पर पुलिस को आपत्ति नहीं
मुजफ्फरपुर : मोतियाबिंद आपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संंक्रमण के मामले में सील जूरन छपरा के मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल को खोलने पर पुलिस को कोई आपत्ति नहीं। पूर्व वार्ड पार्षद सुरेश कुमार चौधरी की अर्जी पर सीजेएम कोर्ट ने मामले के आइओ व ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। इसके आलोक में ब्रहापुरा थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की है। इसमें कहा है कि शल्य कक्ष व उससे संबंधित उपकरणों की एसकेएमसीएच के माइक्राबायोलाजी विभाग से जांच कराई गई है। 24 जनवरी को सिविल सर्जन की ओर से कहा गया है कि शल्य कक्ष की अन्य कोई जांच की जरूरत नहीं है। थानाध्यक्ष ने कहा है मामले की जांच को लेकर सील किए गए कमरों को खोलने में कोई आपत्ति नहीं है। सीजेएम कोर्ट में इस रिपोर्ट पर सुनवाई होनी है।
18 जनवरी को अर्जी की गई थी दाखिल : मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल को खोलने को लेकर नगर निगम के वार्ड-13 के पूर्व पार्षद सुरेश कुमार चौधरी ने 18 जनवरी को सीजेएम कोर्ट में ई-मेल के माध्यम से आनलाइन अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने अपनी अर्जी में इसे उत्तर बिहार का बेहतरीन अस्पताल बताया था। यहां गरीबों का मुफ्त में उपचार किया जाता था। उनके मुहल्ले के भी कई लोगों की आंखों का उपचार हुआ। सभी स्वस्थ होकर घर गए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने गलत तरीके से इसे सील कर दिया जिससे गरीब मरीजों का उपचार नहीं हो रहा है। उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की है कि अस्पताल खोले जाने से गरीबों का उपचार होगा। इस अर्जी की सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट ने ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी।