मुजफ्फरपुर में एक और कोरोना संक्रमित की मौत, दो नए भर्ती
Muzaffarpur Corona Update एसकेएमसीएच अधीक्षक ने कहा कि शिशु संक्रमित नहीं है। कोविड प्रोटोकाल के तहत उसके स्वजनों को दाह संस्कार के लिए शव सौंपा गया हैं। अधीक्षक ने कहा कि प्रसव के बाद उसका इलाज चल रहा था। इसी दौरान शुक्रवार को उसकी हालत गंभीर हो गई।
मुजफ्फरपुर, जासं। Muzaffarpur Corona Update: जिले में एक और कोरोना संक्रमित की मौत हो गई है। इस तरह यहां चार कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई है। शुक्रवार को 20 जनवरी से भर्ती एक 30 वर्षीय महिला की एसकेएमसीएच में मौत हो गई। वहीं, दो नए मरीज को भर्ती किया गया। तीन मरीज स्वस्थ होकर घर चले गए। वार्ड में अब भी 11 इलाजरत हैं। बीबी कालेजिएट परिसर में बने कोरोना वार्ड में छह मरीजों का इलाज चल रहा है। इस तरह 17 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है।
सर्जरी से प्रसव के बाद हुई थी संक्रमित
जानकारी के अनुसार महिला सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर की रहने वाली थी। रून्नीसैदपुर से रेफर होकर यहां गंभीर स्थिति में आई थी। वह गर्भवती थी। एसकेएमसीएच में सर्जरी कर उसे प्रसव कराया गया था। इस बीच जांच के दौरान वह संक्रमित मिली। उसके बाद उसे कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया। एसकेएमसीएच अधीक्षक डा. बीएस झा ने कहा कि शिशु संक्रमित नहीं है। कोविड प्रोटोकाल के तहत उसके स्वजनों को दाह संस्कार के लिए शव सौंपा गया हैं। अधीक्षक ने कहा कि प्रसव के बाद उसका इलाज चल रहा था। इसी दौरान शुक्रवार को उसकी हालत गंभीर हो गई। इससे पहले कोविड वार्ड में 70 वर्ष के हथौड़ी के एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। वहीं, सरैया थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति की मौत भी इलाज के दौरान एसकेएमसीएच में हुई थी। वह भी कोरोना पाजिटिव था। सकरा के भी एक कोरोना संक्रमित की मौत इस लहर में हो चुकी है। पहली और दूसरी लहर में अबतक जिले में 723 लोगों की मौत हो चुकी है।
00 आशा की बहाली पर लगी मुहर, 148 का कागजात लौटाई
मुजफ्फरपुर : जिले में 248 आशा की बहाली को लेकर सिविल सर्जन ने समीक्षा की। 100 आशा के कागजात सही पाए जाने पर संबंधित पीएचसी प्रभारी को बहाली के लिए हरी झंडी दी गई। 148 कागजात में आंशिक त्रुटि पाए जाने पर संबंधित को लौटाया गया। पीएचसी प्रभारी आंशिक त्रुटि को सुधार कराकर योगदान लेंगे। सिविल सर्जन डा. शर्मा ने जिला सामुदायिक उत्प्रेरक को हिदायत दी कि 2018 से लेकर अब तक आशा बाहली का आवेदन अधर में लटका कर रखना उचित नहीं। नियम के हिसाब से जब पीएचसी से आवेदन आए तुरंत उसकी जांच हो। अगर कोई कमी पाई जाए तो तुरंत फाइल वापस हो। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह भ्रष्टाचार का प्रतीक होगा। आवेदन यहां से नहीं जाने के बाद 15 दिन के बाद यह पीएचसी प्रभारी मान लेगें के उनकी ओर से जो आवेदन दिया गया वह सही है।