गुड न्यूज, मुजफ्फरपुर के लिए बहुत बड़ा दिन, कैंसर का यह इलाज शहर में ही संभव
Muzaffarpur Cancer Treatment यह सुविधा शुरू हाे जाने के बाद पूरे उत्तर बिहार के कैंसर के मरीजों को अब इलाज के लिए कहीं जाना नहीं होगा। स्तन व पैर की सर्जरी शुरू हो गई है। गायनिक कैंसर का इलाज भी कराया जाता है।
मुजफ्फरपुर,जासं। होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने शुक्रवार को एक बड़ी एवं सफल सर्जरी की। इसमें एक मरीज के बाएं पैर से 3.8 किलो का बड़ा ट्यूमर निकाला। कैंसर सर्जन डा. शांतनु पवार के नेतृत्व में यह सर्जरी की गई। डा. शांतनु ने बताया कि उत्तर बिहार में कैंसर सर्जरी के लिए अब लोगों को कहीं नहीं जाना होगा। सारी सुविधा अब उन्हें होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र में मिल जाएगी। यहां हेड एन नेक सर्जरी के साथ साथ स्तन और पैर की सर्जरी शुरू हो गई है। इसमें स्तन और पैर को बचाकर सर्जरी की जा रही है। वहीं गायनिक कैंसर में फर्टिलिटी बचाकर सर्जरी डा. चंदा और टीम द्वारा शुरू हो गई है।
एक लाख मेें एक को होती यह बीमारी
जानकारी के अनुसार मरीज में एक फैक्ट्री मजदूर है। वह छह माह से इलाज के लिए भटक रहा था। उसका इलाज आयुष्मान कार्ड के तहत किया गया। उसे मिक्जो फाइब्रो सारकोमा नामक कैंसर था। यह कैंसर पीडि़तों में बहुत कम पाया जाता है। उनके अनुसार यह बीमारी एक लाख लोगों में से एक में ही होती है। उनके लिए सबसे चुनौती का यह काम था कि इस सर्जरी के बाद भी उसका पैर बच जाए। अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डा. रविकांत सिंह ने बताया कि महामारी के दौरान इस महीने अभी तक 20 से ऊपर सर्जरी अस्पताल में की गई। 600 से ऊपर कीमोथेरेपी हुई है। वहीं 100 से ऊपर मरीज इस कोविड के समय भी रोज आ रहे हैं। होमी भाभा कैंसर अस्पताल मरीजों को सेवा देने के साथ ही कैंसर का जल्द पता करने के लिए स्क्रीङ्क्षनग अभियान के साथ ही जागरूकता से जुड़े कार्यक्रम भी संचालित कर रहा है।
सीबीएसई नौवीं-दसवीं के पाठ्यक्रम में किया गया बदलाव
मुजफ्फरपुर : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा नौंवी व दसवीं के पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव किया है। बोर्ड की ओर से लर्निंग स्टैंडर्ड फ्रेमवर्क विकसित किया गया है। विद्यार्थियों में समीक्षात्मक गुणों के विकास के लिए इसे लागू किया जा रहा है। नए पाठ्यक्रम के अनुसार ङ्क्षहदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। इसके लिए निजी स्कूल के प्राचार्य, शिक्षक और विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। बोर्ड की ओर से कहा गया है कि पाठ्यक्रम को प्रभावी बनाने को लेकर शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराएं। उन शिक्षकों को वेबिनार व अन्य माध्यमों से प्रशिक्षित किया जाएगा।