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Muzaffarpur antigen kit black marketing: जांच में तह तक नहीं पहुंची टीम, अभी कई प्रश्न अनुत्तरित

Muzaffarpur antigen kit black marketing स्वास्थ्य केंद्रों को भेजी गई किट कहीं ज्यादा कहीं कम पहुंची इस पर जांच टीम ने नहीं तो उठाया कोई सवाल। इसकी तह तक नहीं पहुंच सकी डीएम की ओर से गठित जांच टीम किट को लेकर बड़े खेल की आशंका।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 11:45 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 11:45 AM (IST)
Muzaffarpur antigen kit black marketing: जांच में तह तक नहीं पहुंची टीम, अभी कई प्रश्न अनुत्तरित
साहेबगंज सीएचसी में भेजी गई एंटीजन किट से तीन हजार से अधिक रिसीव हुई।

मुजफ्फरपुर, जासं। Muzaffarpur antigen kit black marketing: जिले में कोविड-19 की जांच के लिए मिले एंटीजन किट में बड़ा खेल सामने आ रहा है। डीएम प्रणव कुमार के आदेश पर जांच टीम ने कुछ गड़बडिय़ां पकड़ीं, मगर इसकी तह तक नहीं पहुंच सकी। जांच टीम की रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है कि जिले के स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सेंट्रल ड्रग स्टोर से जो किट उपलब्ध कराई गई, उसकी संख्या में अंतर आ गया। स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भेजी गई किट या तो कम थी या अधिक, मगर इस बिंदु पर जांच टीम ने न तो सवाल उठाए न ही कोई मंतव्य दिया। इससे जांच टीम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 

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जांच टीम की रिपोर्ट की मानें तो साहेबगंज सीएचसी में भेजी गई एंटीजन किट से तीन हजार से अधिक रिसीव हुई। इसी तरह मुशहरी में दो हजार, सकरा में 11 सौ और पारू में एक हजार अधिक किट अधिक प्राप्त हुई। वहीं गड़बड़ी के सबसे बड़े केंद्र सदर अस्पताल और नशा मुक्ति केंद्र में दो हजार किट कम प्राप्त हुई। इस केंद्र पर किट की संख्या और जांच में 11 हजार का बड़ा अंतर भी पाया गया था। दो ही केंद्रों को सही संख्या में किट प्राप्त हुई। यहां सवाल यह उठ रहा कि अधिक या कम किट प्राप्त होने पर चिकित्सा पदाधिकारी ने संज्ञान क्यों नहीं लिया? इसकी मॉनीटङ्क्षरग करने वाली एजेंसी क्या कर रही थी? सवाल यह भी उठ रहा कि कहीं बाजार की सस्ती और नकली किट तो नहीं मिला दी गई।

गहराई से जांच पर सामने आ सकता बड़ा घपला : जिस तरह से किट बाजार में बेचे जाने की पुष्टि पुलिस जांच में हुई है, उससे शक की सूई इस ओर भी घूम रही है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि जांच के कारण आंकड़े जैसे-तैसे तैयार कर दिए गए। मामले की गहराई से जांच हो तो बड़ा घपला सामने आ सकता है। सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी का कहना है कि जांच रिपोर्ट में जो तथ्य आए हैं, उसके आधार पर पड़ताल की जाएगी। जहां भी गड़बड़ी पाई जाएगी, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। 


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