मुजफ्फरपुर : खुद 95 वर्ष के, पौधों को दे रहे जीवन, दूसरों को भी पौधारोपण के लिए करते प्रेरित
Muzaffarpur Newsसकरा के मझौली पचदही निवासी डा. योगेंद्र प्रसाद शुक्ला इस उम्र में भी कर रहे पौधारोपणगांव के युवा भी प्रेरित होकर सार्वजनिक जमीन पर लगा रहे पौधे25000 पौधे लगा चुके अब तक दूसरों को भी पौधारोपण के लिए करते प्रेरित।
मुजफ्फरपुर, सकरा {एम. रहमान)। चलने में पैर जरूर लडख़ड़ाते, लेकिन पर्यावरण संरक्षण के प्रति संकल्प दृढ़ है। सकरा प्रखंड के मझौली पचदही निवासी 95 वर्षीय होम्योपैथ चिकित्सक डा. योगेंद्र प्रसाद शुक्ला उर्फ जोगिया बाबा इस अवस्था में भी पौधारोपण कर रहे हैं। पेड़ नहीं तो जीवन नहीं को लक्ष्य मानकर वर्ष 2009 से पौधारोपण कर रहे हैं। अब तक 25 हजार पौधे लगा चुके हैं। वे लोगों को भी पौधारोपण के लिए प्रेरित करते हैं। पांच हजार से अधिक पौधे बांट चुके हैं।
खाली जमीन पर पौधा लगाने से हुई शुरुआत
पेड़-पौधों की कम होती संख्या और पर्यावरण को नुकसान होते देख जोगिया बाबा ने 12 साल पहले वर्ष इसके संरक्षण का निर्णय लिया। उन्होंने आसपास खाली और सार्वजनिक जमीन पर पौधारोपण से इसकी शुरुआत की। धीरे-धीरे यह शौक जुनून में बदल गया। वे अपने गांव के अलावा पैगंबरपुर, किरतपुर, मारकर सुस्ता मोहम्मदपुर, सकरा आदि जगहों पर पौधा लगा चुके हैं। देवघर और तारापीठ के अलावा अन्य धार्मिक स्थल पर भी पौधारोपण कर चुके हैं।
इस उम्र में भी करते इलाज
जोगिया बाबा इस उम्र में भी मरीजों का इलाज करते हैं। हर रोज औसतन आठ से 10 मरीज उनके पास इलाज के लिए पहुंचते हैं। इससे होने वाली कमाई का एक हिस्सा पेड़-पौधों की देखभाल और नए पौधों की खरीद पर करते हैं।
मनियारी मठ के महंत ने उनके काम को देखते हुए पचदही गांव में एक क_ा जमीन नर्सरी के लिए दान में दे दी है। इसमें उन्होंने आम, पीपल, नीम, सेमल, अमरूद, बरगद और पाकड़ सहित अन्य प्रजाति के सैकड़ों पौधे लगाए हैं। इनकी देखभाल वे खुद करते हैं। नर्सरी में आनेवाले को पौधा मुफ्त देते हैं।
अधिक से अधिक पौधारोपण का संकल्प लें युवा
योगिया बाबा कहते हैं कि पेड़-पौधे लोगों को फल और छाया देते हैं। पर्यावरण को स्वस्थ और स्वच्छ रखते हैं, बदले में हम से कुछ नहीं लेते हैं। बस थोड़ा ध्यान रखने की जरूरत है। नए साल में अधिक से अधिक पौधारोपण का संकल्प लें। ग्रामीण रंजन कुमार का कहना है कि बाबा की प्रेरणा से इलाके के युवा प्रभावित हो रहे हैं। दूर-दराज के इलाकों में भी पौधारोपण हो रहा है। सड़क के किनारे, अस्पताल, प्रखंड कार्यालय, मंदिर, मठ आदि की जमीन पर पौधे लगाए जा रहे हैं।