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उत्तर बिहार में हत्या, लूट का ग्राफ आया नीचे, जमीन-जायदाद के मामले बढ़े

अप्रैल में 51 की जगह मई में लॉकडाउन में अब तक हत्या के 31 मामले आए। हत्या के 50 फीसद केस संपत्ति विवाद से जुड़े ग्रामीण इलाकों में अपराध बढ़ा। पिछले साल इस माह यह 26 फीसद था। अन्य जिलों में यही स्थिति है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 10:31 AM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 10:31 AM (IST)
उत्तर बिहार में हत्या, लूट का ग्राफ आया नीचे, जमीन-जायदाद के मामले बढ़े
उत्तर बिहार में अप्रैल और मई में लूट के मामलों में 56 फीसद का अंतर रहा।

मुजफ्फरपुर, जाटी। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के बीच उत्तर बिहार में अपराध दर में गिरावट आई है। अप्रैल की तुलना में मई में हत्या, डकैती, लूट, चोरी, महिला उत्पीडऩ जैसे मामले कम हुए हैं। हालांकि इस दौर में सामाजिक अपराध में जरूर बढ़ोतरी हुई है। जमीन-जायदाद को लेकर आपसी झगड़े बढ़े हैं। हत्या के मामलों में 50 फीसद केस संपत्ति विवाद के ही हैं। मई में सिर्फ मुजफ्फरपुर में दर्ज कुल मामलों में जमीन-जायदाद के विवाद का ग्राफ करीब 42 फीसद है। पिछले साल इस माह यह 26 फीसद था। अन्य जिलों में यही स्थिति है। 

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लॉकडाउन से पहले अप्रैल में उत्तर बिहार के आठ जिलों मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी-पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा व शिवहर में 51 हत्याएं हुई थीं, जबकि लॉकडाउन की अवधि में पांच से 30 मई के बीच यह आंकड़ा 31 रहा। इसमें 39.21 फीसद की गिरावट आई है। इनमें भी समस्तीपुर और मोतिहारी में सर्वाधिक नौ-नौ, जबकि बेतिया व सीतामढ़ी में चार-चार और मुजफ्फरपुर व दरभंगा में क्रमश: तीन व दो हत्याएं हुईं। हत्या के 50 फीसद केस संपत्ति विवाद से जुड़े हैं।

लूट में 56 फीसद कमी : उत्तर बिहार में अप्रैल और मई में लूट के मामलों में 56 फीसद का अंतर रहा। अप्रैल में जहां लूट की 66 घटनाएं हुई थीं, वहीं मई में घटकर 29 रह गई। एक महीने के अंतराल में चोरी के मामले में भी 34.43 फीसद की कमी आई है। अप्रैल में चोरी की कुल 543 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि मई में इसका ग्राफ 356 रहा।

महिला उत्पीडऩ 25.86 फीसद आया नीचे : महिला उत्पीडऩ का आंकड़ा भी पिछले महीने की तुलना में नीचे आया है। अप्रैल में दुष्कर्म और घरेलू हिंसा के 58 मामले दर्ज हुए थे, जबकि मई में 43। इसमें 25.86 फीसद की गिरावट आई है। लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण इलाकों में अपराध का प्रतिशत शहरों की तुलना में ज्यादा रहा। हत्या से लेकर संपत्ति विवाद के सर्वाधिक मामले वहीं हुए। पश्चिम चंपारण के योगापट्टी में इसी तरह का मामला आया। यहां 23 मई को सगे भाइयों में जमीन के बंटवारे के विवाद में चार साल के बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी गई।

समस्तीपुर महिला कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. नीता शर्मा का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर पुलिस की मौजूदगी अधिक रही। इससे अपराधियों में खौफ रहा।

लॉकडाउन में शिवहर के दो थानों में कोई मामला नहीं

शिवहर : शिवहर में लॉकडाउन के दौरान अपराध का ग्राफ घटा है। यहां महिला और एससी-एसटी थाने में कोई मामला नहीं आया। पांच मई के बाद से जिले में हत्या, दुष्कर्म, लूट, चोरी व रंगदारी जैसी कोई वारदात नहीं हुई है। मारपीट के आधा दर्जन मामले जरूर सामने आए हैं। लॉकडाउन के पूर्व अप्रैल में चोरी के चार, दुष्कर्म व लूट का एक-एक व मारपीट के दर्जनभर मामले आए थे। जिले के हिरम्मा थाने में 18 मई व तरियानी छपरा थाने में 19 मई के बाद कोई केस नहीं आया। समस्तीपुर महिला कॉलेज के विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र, डॉ. विजय गुप्ता ने कहा कि परिवार में सीमित संसाधन और जमीन के चलते आपसी खींचतान बढ़ी है। इसका परिणाम आपसी विवाद के रूप में सामने आ रहा। विवाद कम हों, इसके लिए आपसी सामंजस्य बिठाना होगा।  


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