रेलवे अधिकारियों पर प्राथमिकी की तैयारी में नगर निगम
सड़क पर स्टेशन का गंदा पानी बहाने पर डीएम ने नगर आयुक्त को दिया प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश। स्टेशन रोड में पूरे वर्ष सड़क पर लगा रहता मल-मूत्र युक्त गंदा पानी, नारकीय हालात।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बार-बार पत्राचार और मौखिक संवाद के बावजूद स्टेशन रोड में सड़क पर गंदा पानी बहाने पर रेलवे अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। नगर निगम ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इस बाबत एक दिन पूर्व पदभार ग्रहण करने वाले जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने नगर आयुक्त संजय दुबे को आदेश जारी किया है। उन्हें 24 घंटे के अंदर एफआइआर दर्ज कराने के लिए कहा गया है।
रेलवे स्टेशन का गंदा पानी सड़क पर बहाने से उत्पन्न नारकीय हालात से रूबरू होने के बाद जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने यह आदेश जा री किया है। नगर आयुक्त ने जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में सिटी मैनेजर ओम प्रकाश को प्राथमिकी की तैयारी करने का आदेश दिया है। सोमवार को सिटी मैनेजर इसकी कवायद में लगे रहे। उन्होंने बताया की सीआरपीसी की धारा 133 के तहत रेलवे अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
एक दशक से निगम के निर्देशों की अनदेखी
रेलवे स्टेशन से निकलने वाला गंदा पानी हो या फिर स्टेशन रोड स्थित सार्वजनिक शौचालय की गंदगी, सबको सड़क पर बहा दिया जाता है। इससे वहां नारकीय हालात है। राहगीर हो या रेल यात्री, उन्हें मल-मूत्र के बीच से ही गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं , नाले के ऊपर रेल प्रशासन ने दुकानें बनवा दी हैं।
इससे सफाई नहीं हो पाती है। पिछले एक दशक से नगर निगम के अधिकारी रेल अधिकारियों को पत्र लिखकर नाले के ऊपर से अतिक्रमण हटाने, उसकी उड़ाही कराने के निर्देश दे रहे हैं, लेकिन इसकी अनदेखी हो रही। निगम के पत्रों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया।
महापौर ने भी दी थी चेतावनी
स्टेशन परिसर स्थित शौचालय द्वारा सड़क एवं नाले में शौच प्रवाहित किए जाने से नाराज महापौर ने कर्मचारियों को समझाने के लिए भेजा था, लेकिन कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की गई। तब महापौर सुरेश कुमार ने स्वयं जाकर चेतावनी दी थी। लेकिन इसका असर भी रेलवे अधिकारियों पर नहीं पड़ा। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद निगम प्रशासन ने इस बार सख्त कदम उठाने का मन बना लिया है।
मुजफ्फरपुर नगर निगम नगर आयुक्त संजय दूबे ने कहा कि स्टेशन रोड के नारकीय हालात के लिए रेलवे प्रशासन जिम्मेवार है। जिलाधिकारी के आदेश के आलोक में रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।