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मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी टूटने के कगार पर! भाजपा सांसद ने इशारों-इशारों में कही बड़ी बात

Mukesh Sahni Vs Ajay Nishad भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद ने दावा किया है कि वीआइपी के बचे तीन विधायक भी पार्टी सुप्रीमो मुकेश सहनी के साथ नहीं हैं। सभी भाजपा के संपर्क में हैं। वे यूपी चुनाव में प्रचार करने नहीं जा रहे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 07:24 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:31 AM (IST)
मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी टूटने के कगार पर! भाजपा सांसद ने इशारों-इशारों में कही बड़ी बात
Mukesh Sahni Vs Ajay Nishad: अजय निषाद ने वीआइपी में टूट की ओर इशारा किया है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, आनलाइन डेस्क। भाजपा (BJP)के प्रदेश उपाध्यक्ष व मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद(BJP MP Ajay Nishad)और सीएम नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar)के मंत्री मुकेश सहनी(Minister Mukesh Sahni)के बीच के राजनीतिक संबंध के बारे में किसी को कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है। यह स्वाभाविक भी है, किंतु मीडिया से बातचीत में उन्होंने जो दावा किया है वह पूरे बिहार की राजनीति(Bihar Politics)के तापमान को और बढ़ाने वाला है। इशारों ही इशारों में उन्होंने सन आफ मल्लाह (Son of Mallah) मुकेश सहनी की पार्टी में टूट की बात कही है। कहा, वीआइपी (VIP)के तीनों विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। वे अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के काम करने की शैली से खुश नहीं हैं। यही वजह है कि यूपी की खाक छान रहे मुकेश सहनी के साथ उनके एक भी विधायक प्रचार के काम में उनका साथ नहीं दे रहे। इतना ही नहीं रविवार को पार्टी की बैठक में उन्होंने बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochahan Assembly by-election) के लिए भाजपा उम्मीदवार को उतारने की खुलेआम वकालत की है।

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भाजपा को ही आंख दिखा रहे मुकेश सहनी

दरअसल, विकासशील इंसान पार्टी (Vikassheel Insan Party)के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022)में उतरने की घोषणा के बाद ही पूरा मामला बिगड़ गया है। मुकेश सहनी और भाजपा सांसद अजय निषाद के बीच वार-प्रतिवार का क्रम जारी है। इसी सिलसिले में रविवार को पार्टी की बैठक और मीडिया से बातचीत के दौरान भी भाजपा सांसद ने मुकेश सहनी पर खूब हमले किए। उन्होंने बताया कि कैसे बोचहां भाजपा की मजबूत सीट होने के बाद भी गठबंधन धर्म के तहत मुकेश सहनी को दी गई और अब वे भाजपा को ही आंख दिखा रहे हैं। उन्होंने मुकेश सहनी के रवैये को देखते हुए यहां होनेवाले उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी को उतारने की मांग शीर्ष नेतृत्व से की है।

वीआइपी का जनाधार नहीं

सांसद अजय निषाद ने दावा किया कि मुकेश सहनी अपनी पार्टी में अकेले पड़ गए हैं। उनके तीनों विधायक भाजपा के संपर्क में हैं, क्योंकि वे समझ रहे हैं कि वीआइपी का जनाधार नहीं है। एनडीए के सहयोग से वे लोग चुनाव जीतकर आए हैं। इसलिए तीनों विधायक ने नैतिक तौर यूपी चुनाव से खुद को अलग कर लिया है। वे अपने दायित्व का पालन कर रहे हैं। अब मुकेश सहनी अकेले इंटरनेट मीडिया की मदद से प्रत्याशी खोज रहे हैं। जिन्हें प्रत्याशी नहीं मिल रहा हो वह चुनाव में क्या प्रदर्शन करेगा?


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