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Lok Sabha Election 2019 : एसडीओ-डीएसपी की गाड़ी से जा रहे थे सांसद, तब भी उपद्रवी कर रहे थे पथराव

सांसद ने कहा कि हमले से नहीं डरते मगर प्रशासन की बदइंतजामी के कारण आक्रोश। प्रशासनिक शिथिलता उनपर हमले की गंभीरता की बयां कर रही कहानी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 09:01 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 09:01 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : एसडीओ-डीएसपी की गाड़ी से जा रहे थे सांसद, तब भी उपद्रवी कर रहे थे पथराव
Lok Sabha Election 2019 : एसडीओ-डीएसपी की गाड़ी से जा रहे थे सांसद, तब भी उपद्रवी कर रहे थे पथराव

बेतिया, जेएनएन। मतदान के दिन रविवार को जहां लोग शांति व सौहार्द के साथ लोकतंत्र का पर्व मना रहे थे वहीं नरकटिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मतदान केंद्र संख्या 162 व 163 पर खूनी खेल की कोशिश की जा रही थी। भीड़ सांसद और उनके समर्थकों की जान लेने की कोशिश में थी। जान लेने पर अमादा भीड़ पुलिस की तमाम कवायद को भी छोटा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी। बकौल सांसद, जब वे एसडीएम व डीएसपी की गाड़ी में बैठकर बाहर निकल रहे थे तब पुलिस की गाड़ी पर भी ईंट-पत्थरों की बरसात हो रही थी। वे सिर नीचे कर उन पत्थरों से बचने की कोशिश करते रहे।

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  बावजूद इसके कुछ पत्थर उनकी गर्दन के नीचे भी लगी। सांसद ने कहा कि वे इस प्रकार की हरकतों से डरते नहीं है मगर, प्रशासन की बदइंतजामी के कारण आक्रोश में है। अगर उनके अंगरक्षक व वहां तैनात पुलिस के जवान हवाई फायर नहीं करते तो उनकी जान बचनी मुश्किल थी। पथराव में डीएसपी और एसडीओ के गाड़ी को भी काफी नुकसान पहुंचा है।

  प्रशासनिक अमला भीड़ को नियंत्रित करने में असफल साबित हो रहा था, मगर एसपी ने हालात को नियंत्रित करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं। हर वक्त झूठ बोलते रहे। आश्चर्य तो यह कि जान बचाने के लिए की गई कार्रवाई को भी एसपी सही नहीं मान रहे थे। उन्होंने साफ कहा कि एसपी के इस प्रकार के व्यवहार से सहज समझा जा सकता है कि इस साजिश का मौन समर्थन मोतिहारी के डीएम और एसपी की भी थी। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा बार-बार फोन करने के बाद भी वे लोग फोन नहीं उठा रहे थे। बूथ पर गड़बड़ी की आशंका जताने के बाद भी वहां अद्र्धसैनिक बल की तैनाती नहीं करना इस बात को और ज्यादा बल देता है। 

2000 व 2004 के चुनाव में भी हुआ था बवाल

नरकटिया के जिस बूथ पर रविवार को सांसद पर हमला हुआ उस बूथ पर वर्ष 2000 तथा 2004 के चुनाव में भी बवाल हुआ था। सांसद ने बताया कि वर्ष 2000 के चुनाव के दौरान बिहार सरकार के तत्कालीन मंत्री श्याम बिहारी प्रसाद पर भीड़ ने हमला कर दिया था। लोगों ने उनके साथ जमकर मारपीट की थी। उनकी गाड़ी को भी तोड़ दिया गया था।

  वहीं 2004 के चुनाव में भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष पर भी लोगों ने हमला किया था, तब उस समय डा. जायसवाल के पिताजी डा मदन प्रसाद जायसवाल चुनाव लड़ रहे थे। सांसद ने स्पष्ट किया कि हर समय उस मतदान केंद्र पर एक वर्ग विशेष के लोगों द्वारा दूसरे समुदाय के लोगों को मतदान से रोकने की कोशिश की जाती है। नहीं मानने पर उनके साथ मारपीट भी की जाती रही है। मगर, अब यह सब होने नहीं दिया जाएगा।

इनसेट

बूथ पर बिहार पुलिस, सड़क पर था केंद्रीय बल

सांसद ने कहा कि गड़बड़ी की पहले से सूचना देने के बाद भी नरकटिया विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 162 व 163 पर सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध नहीं था। वहां केंद्रीय सुरक्षा बलों के प्रतिनियुक्ति नहीं की गई थी। केंद्रीय सुरक्षा बल सड़क पर थे। बिहार पुलिस के चंद जवानों के भरोसे बूथ को छोड़ दिया गया था। जवानों के सामने गड़बड़ी हो रही थी। एक खास वर्ग के मतदाताओं को दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा पीटा जा रहा था। लेकिन, बूथ पर मौजूद जवान असहाय नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि सूचना के आलोक में केंद्रीय बलों को उक्त बूथ पर प्रतिनियुक्त किया गया होता तो ऐसी नौबत ही नहीं आती। जब वे क्षेत्र भ्रमण कर रहे थे तो छपवा समेत कई जगहों पर एनएच पर केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल के जवान नजर आए, मगर बूथों पर नहीं।

एसपी ने कहा-हवाई जहाज से तो नहीं आ सकते

सांसद डॉ. जायसवाल ने कहा कि वे कई घंटे तक उग्र भीड़ से घिरे रहे। उन्हें झूठा आश्वासन दिया जाता रहा कि केंद्रीय बल वहां भेजा जा रहा है। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। मोतिहारी के डीएम और एसपी झूठा आश्वासन देते रहे। एसपी ने तो यहां तक कह दिया कि वे हवाई जहाज से तो नहीं आ सकते? दोनों पदाधिकारी घर में बैठे रहे। लेकिन, उनकी खोज खबर लेने की जहमत नहीं उठाई। हालांकि, दोनों पदाधिकारी मोतिहारी के अस्पताल में पहुंचे थे। लेकिन उनसे पूछताछ या उनका बयान दर्ज करना आवश्यक नही समझा और नहीं किसी घायल के बयान के आधार पर सोमवार की सुबह तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।

मेरी चिंता छोडि़ए, पहले घायलों को अस्पताल पहुंचाइए

सांसद को बचाने के लिए जब डीएसपी घटनास्थल पर पहुंचे तो उन्होंने डीएसपी से कहा कि मेरी चिंता छोडि़ए, पहले घायलों को अस्पताल में पहुंचाइए। मुझे कुछ भी हो जाए कोई दिक्कत नहीं है, जो आम लोग इस हमले में घायल हुए है, उनका इलाज कराइए। इसके बाद घायलों को अस्पताल में पहुंचाया गया।पुलिस की देखरेख में भीड़ से घिरे सांसद व एक खास समुदाय के उनके समर्थकों को भीड़ से बाहर निकाला गया।

मोतिहारी अस्पताल में घायलों से मिले सांसद

सोमवार की दोपहर सांसद डॉ. जायसवाल मोतिहारी अस्पताल में पहुंचे और घटना में जख्मी अस्पताल में भर्ती हुए घायलों से मुलाकात की। उन्होंने दूरभाष पर बताया कि तीन बजे तक अस्पताल में भर्ती किसी व्यक्ति का बयान दर्ज नहीं किया गया है। मोतिहारी प्रशासन उनके साथ भेदभाव कर रही है। घायलों को देखने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन ङ्क्षसह, भाजपा की उपाध्यक्ष रेणु देवी, भाजपा नेता बबुआजी दूबे, सत्येंद्र शरण समेत कई लोग पहुंचे और कहा कि इस प्रकार की हरकत का हरस्तर पर विरोध किया जाएगा। 

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