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B. R. Ambedkar Bihar University: सिंगल विंडो काउंटर पर तीन दिनों में 400 से अधिक आवेदन, 250 से ज्यादा पेंडिंग से जुड़े

B. R. Ambedkar Bihar University बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में सिंगल विंडो काउंटर शुरू होने के बाद बीते तीन दिनों में करीब 400 आवेदन प्राप्त हुए हैं। परीक्षा नियंत्रक बोले- एक सप्ताह के भीतर हो जाएगा आवेदन का सुधार। सुधार होने के बाद संबंधित छात्रों को मैसेज से दी जाएगी सूचना।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 06:45 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 06:45 PM (IST)
B. R. Ambedkar Bihar University: सिंगल विंडो काउंटर पर तीन दिनों में 400 से अधिक आवेदन, 250 से ज्यादा पेंडिंग से जुड़े
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की तस्वीर (जागरण आर्काइव)

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में सिंगल विंडो काउंटर शुरू होने के बाद बीते तीन दिनों में करीब 400 आवेदन प्राप्त हुए हैं। प्रतिदिन 125 से 150 आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। इसमें से अधिकतर मामले पेंडिंग रिजल्ट से जुड़े हुए हैं। अधिकतर छात्रों ने आवेदन में जिक्र किया है कि वे परीक्षा में शामिल हुए, हाजिरी भी बनाई लेेकिन, इसके बाद भी रिजल्ट पेंडिंग हो गया। अब कॉलेज जाने पर वहां से विश्वविद्यालय जाकर सुधार कराने की बात कह पल्ला झाड़ लिया जाता है। इसके अलावा कुछ मामले डिग्री और प्रोविजनल नहीं मिलने का भी है। कई छात्र-छात्राओं ने कहा कि डेढ़-दो वर्ष पूर्व डिग्री के लिए आवेदन देने के बाद भी स्टेटस चेक करने पर कोई अपडेट नहीं बता रहा है।

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आवेदन का निष्पादन होने पर मैसेज से मिलेगी जानकारी 

छात्र-छात्राओं की ओर से काउंटर पर जो आवेदन दिया जा रहा है। विवि प्रशासन की ओर से कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर उसका निष्पादन हर हाल में कर दिया जाएगा। इसकी जानकारी संबंधित छात्रों को मैसेज के माध्यम से दी जाएगी। इसके बाद छात्र-छात्राएं संबंधित कॉलेज या विवि के काउंटर से संपर्क कर डिग्री, प्रोविजनल प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही जिन छात्रों का मामला पेंडिंग से जुड़ा है वे ऑनलाइन ही रिजल्ट देख सकते हैं। सुधार होने के बाद विवि के वेबसाइट पर परिणाम को अपडेट कर दिया जाएगा।

कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही विद्यार्थियों की परेशानी का कारण 

विवि के अधिकारियों ने बताया कि कॉलेजों की ओर से आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। आदेश के अनुसार पेंडिंग या डिग्री या प्रोविजनल से जुड़े मामले का आवेदन कॉलेज को जमा लेना है। उसे समेकित कर विशेष दूत के माध्यम से विवि में भेजना है। लेकिन, जब विद्यार्थी समस्या लेकर कॉलेज पहुंच रहे हैं तो अपना पल्ला झाडऩे के लिए प्राचार्य आवेदन को अग्रसरित कर देते हैं। इस कारण विवि में अनावश्यक भीड़ लगती है और इसी का फायदा दलाल उठाते हैं। 

 इस बारे में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि छात्र-छात्राओं की ओर से काउंटर पर जो आवेदन जमा किया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर उसपर कार्रवाई करते हुए परिणाम सुधार और डिग्री व प्रोविजनल बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। यही प्रक्रिया निरंतर चलेगी। जब आवेदन का निष्पादन हो जाएगा तो इसकी सूचना संबंधित छात्रों को मैसेज के माध्यम से दी जाएगी। 


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