पश्चिम चंपारण के चनपटिया का स्टार्टअप जोन बना सूबे का मॉडल
पश्चिम चंपारण के जिला प्रशासन के सहयोग से चनपटिया में स्टार्टअप जोन की शुरुआत की गई। उद्यमियों को जगह के साथ ऋण मुहैया कराया गया। करीब 15 एकड़ भूमि में फैली कृषि बाजार समिति की जमीन पर फिलहाल 35 यूनिट काम कर कर रही हैं।
मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना काल में हुनरमंदों को जब अवसर मिला तो रोजगार की बुनियाद खड़ी हो गई। जिलों में स्टार्टअप जोन व क्लस्टर बनाकर उन्हेंं विकास के अवसर प्रदान किए गए। पश्चिम चंपारण के जिला प्रशासन के सहयोग से चनपटिया में स्टार्टअप जोन की शुरुआत की गई। उद्यमियों को जगह के साथ ऋण मुहैया कराया गया। करीब 15 एकड़ भूमि में फैली कृषि बाजार समिति की जमीन पर फिलहाल 35 यूनिट काम कर कर रही हैं। उद्यमी दो हजार से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे। चनपटिया का स्टार्टअप जोन सूबे के अन्य जिलों के लिए मॉडल बनकर सामने आया।
शेड का निर्माण कराया जा रहा
फिलहाल, 49 अन्य उद्यमियों को जमीन उपलब्ध कराकर शेड का निर्माण कराया जा रहा। उनकी सुविधा के लिए शौचालय, पानी टंकी, प्लेटफॉर्म आदि की व्यवस्था है। नोडल पदाधिकारी सह डीआरसीसी के प्रबंधक शैलेश पांडेय के अनुसार, 93 और नए उद्यमी जमीन के लिए आवेदन दिए हुए हैं। इनका सत्यापन किया जा रहा। विभिन्न सुविधाओं को मुहैया कराने में जिला प्रशासन की ओर से 60 लाख से अधिक खर्च हुए हैं। स्टार्टअप जोन से जिला प्रशासन को प्रतिमाह 92 हजार रुपये किराये के रूप में मिल रहे हैं। अधिकांश उद्यमियों ने जीएसटी का निबंधन करा लिया है। सरकार को इस मद में करीब 15 लाख रुपये मिले हैं।
मुजफ्फरपुर में बने चार क्लस्टर
मुजफ्फरपुर में चार प्रखंडों में क्लस्टर बनाकर काम शुरू किया गया है। इनमें औराई में छह लाख खर्च कर रेडिमेड कपड़ों पर वर्क शुरू किया गया है। कटरा में जिला उद्योग केंद्र की ओर से दो लाख खर्च कर फर्नीचर का काम शुरू किया गया है। वहीं, कुढऩी में दो लाख की लागत से सीमेंट की भवन निर्माण सामग्री, जबकि बंदरा में आठ लाख की लागत से मिठाई डिब्बा बनाने का क्लस्टर खोला गया। इनमें 100 से अधिक लोगों को काम मिला।
चनपटिया स्टार्ट अप जोन में रेडीमेड कपड़ा उद्यम की प्रमुखता है। हाल के दो-तीन महीने में गारमेंट्स के कारोबार में तकरीबन 20 फीसद का उछाल आया है। फिलवक्त 15 यूनिट काम कर रही हैं। इनमें टीशर्ट, साड़ी पर वर्क, लहंगा, जींस, अंडरगारमेंट्स, लेडीज शूट, प्लाजो आदि का निर्माण हो रहा। इनके अलावा 10 उद्यमियों ने गारमेंट्स यूनिट लगाने के लिए अर्जी दी है।
व्यवसायी मृत्युंजय कुमार शर्मा बताते हैं कि यहां से नोएडा, पटना, पूॢणया, गोपालगंज, सिवान, सूरत रेडीमेड उत्पाद की सप्लाई हो रही है। यहां के अधिकतर युवा दिल्ली, लुधियाना, सूरत, मुरादाबाद आदि शहरों में गारमेंट्स उद्योगों में काम करते थे। इससे जुड़े कुशल कारीगर स्थानीय स्तर पर मिल जा रहे हैं। उत्पाद की बिक्री भी आसानी से हो रही है। इस वजह से उद्यमियों में गारमेंट्स यूनिट लगाने की अभिरुचि अधिक है।