मुजफ्फरपुर में मानदेय कटौती से मीटर रीडरों में भारी नाराजगी, त्योहार के इस मौसम में बढ़ी परेशानी
अरबन-2 इलाके अहियापुर बोचहां औराई रामदयालु में मीटर रीडिंग ठप हड़ताल पर गए। इस त्योहार में पटाखा मिठाई आदि की खरीदारी नहीं होने से मीटर रीडरों के बच्चे और स्वजन दुखी। पर्व-त्योहार के मौके पर भी वेतन के लाले पड़े हुए हैं।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बिजली मीटर रीडरों के मानदेय कटौती का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। इस मामले की शुरूआत कोरोना काल के शुरूआती दौर से शुरू हुई। इसको लेकर मीटर रीडरों में भारी उबाल है। इसको लेकर मीटर रीडरों ने कई बार काम भी रोका, लेकिन आश्वासन के बाद मान गए थे। इधर पर्व-त्योहार के मौके पर भी वेतन के लाले पड़े हुए हैं। दीपावली जैसे महा पर्व पर भी मीटर रीडरों के मानदेय में कटौती कर ली गई। कई लोगों को दिया भी नहीं।
बच्चे और स्वजन दुखी
पटाखा, मिठाई आदि की खरीदारी नहीं होने से उनके बच्चे और स्वजन दुखी हैं। परिवार का भरण-पोषण तक करना मुश्किल हो गया है। कंपनी के खिलाफ आवाज उठाने वालों को नौकरी से निकालने की भी धमकी भी दी जा रही है। मानदेय कटौती के कारण अरबन-2 के दर्जनों मीटर रीडरों ने पिछले दस दिनों से कम बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं। इसके कारण अरबन-2 इलाकों में मीटर रीडिंग का काम ठप पड़ रहा है। अरबन-2 इलाके में अहियापुर, बोचहां, औराई, रामदयालु क्षेत्र आता है। इधर मीटर रीडिंग नहीं होने से उपभोक्ताओं के जेब पर भारी असर पड़ेगा। कोरोना काल से तो अभी उबर नहीं पाए, दूसरी परेशानी बिजली बिल से आएगी। अधिक दिनों की मीटर रीडिंग होने पर टैरिफ बढ़ जाएगा। इसका असर सीधे उपभोक्ताओं के जेब पर पड़ेगा।
दूसरे राज्य में स्थानांतरण कर दिया
बता दें कि, वेतन कटौती मामले को लेकर बीच में पिछले महीने सुलझाने के लिए निजी कंपनी के कुछ एचआर एवं अन्य अधिकारी आए थे। यहां विद्युत अधिकारियों से बात की, लेकिन उसका कोई फायदा मीटर रीडरों को नहीं हुआ। निजी कंपनी के कर्मियों ने जब अपने अधिकारी से मीटर रीडरों की समस्या बताई तो, हल करने के बजाए उल्टे प्रबंधन द्वारा उक्त कर्मी को दूसरे राज्य में स्थानांतरण कर दिया। इसके कारण कर्मियों में हड़कंप व्याप्त है।