Lockdown में अपनी प्रतिभा का कर रहीं भरपूर इस्तेमाल, स्केच और मिथिला पेंटिग से दे रहीं संदेश, देखें
लॉकडाउन में लोग अपने घरों में बंद है। ऐसे में मिथिला पेंटिंग से संस्कृति और सभ्यता को जीवंत कर रही मीनाक्षी। वहीं डीपीएस की शिक्षक नेहा स्कैच और पेंटिंग से संदेश दे रहीं हैं।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में लोग अपने घरों में बंद है। ऐसे में समय का सदुपयोग भी हो और रचनात्मकता भी विकसित हो इसके लिए शिक्षक और छात्र-छात्राएं अलग-अलग कार्यों में अपने हाथ आजमा रहे हैं। इससे उनकी छुपी हुई प्रतिभा भी निखर रही है। साथ ही शिक्षकों को भी अपने बच्चों के साथ समय व्यतीत करने और कुछ सीखने-सीखाने का मौका मिल रहा है। कोई स्केच बनाकर अपने बीते दिनों की यादें ताजा कर रहा तो कोई पुराने गीतों की पंक्तियों को गुनगुना मन को झंकृत कर दे रहा। बच्चे इंडोर गेम्स और टीवी के साथ लेखन और दादी-दादी की कहानियों को सुन रहे। इसे देखकर एेसा प्रतीत हो रहा जैसे पूरा देश अपनी पुरानी सभ्यता और संस्कृति की ओर लौट रहा है।
मिथिला पेंटिंग से संस्कृति और सभ्यता को जीवंत कर रही मीनाक्षी
एमडीडीएम कॉलेज की बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा और सादपुरा मिल्की टोला निवासी रीता देवी और पवन कुमारी की पुत्री मीनाक्षी को मिथला पेंटिंग में काफी रूचि है। मीनाक्षी इन दिनों लॉकडाउन में अपनी इस प्रतिभा का भरपूर इस्तेमाल कर रही है।
इसके अलावे स्केच और अन्य चित्रकारी में भी मीनाक्षी को महारथ हासिल है। मीनाक्षी की चित्रकारी को देखकर मन विभोर हो उठता है। मीनाक्षी को कला और संस्कृति के क्षेत्र से काफी लगाव रहा है। इसी के बदौलत उसने इस्ट जोन तरंग प्रतियोगिता में पटना और गुहाटी में भाग भी ले चुकी है।
स्कैच और पेंटिंग से संदेश दे रहीं नेहा
डीपीएस की शिक्षक और मिठनपुरा में रह रहीं नेहा बताती हैं कि उन्हें पेंटिंग का शौक है। लेकिन, समयाभाव के कारण वह इसे जी भर के नहीं कर पा रही थीं। इस छुट्टी में बच्चाें को ऑनलाइन क्लासेस देने के बाद वे पेंसिल, कलर बॉक्स और कार्डबोर्ड लेकर अपनी प्रतिभा को उकेरने लग जाती हैं।
बताया कि उनकी इकलौती बेटी को भी पेंटिंग और स्केच सीखा रहीं हैं। कहा कि छुट्टियों में घर पर रहकर भी काफी कुछ सीखा जा सकता है।