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Muzaffarpur: एईएस से बचाव को मोबाइल पर मैसेज अलर्ट, एक-एक अधिकारी पंचायत को लेंगे गोद

AES in Muzaffarpur गर्मी में बच्चों की जानलेवा बीमारी एईएस से बचाव के लिए हर पंचायत को एक अधिकारी गोद लेंगे। हर स्तर पर निगरानी के लिए अभियान चलेगा। जागरूकता अभियान के साथ ही मोबाइल मैसेज से अलर्ट किया जाएगा।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 07:38 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 07:38 AM (IST)
Muzaffarpur: एईएस से बचाव को मोबाइल पर मैसेज अलर्ट, एक-एक अधिकारी पंचायत को लेंगे गोद
समहारणालय के कक्ष में बैठक करते बाएं से जिलाधिकारी प्रणव कुमार एवं पदाधिकारीगण।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। गर्मी में बच्चों की जानलेवा बीमारी एईएस से बचाव के लिए हर पंचायत को एक अधिकारी गोद लेंगे। हर स्तर पर निगरानी के लिए अभियान चलेगा। जागरूकता अभियान के साथ ही मोबाइल मैसेज से अलर्ट किया जाएगा। 

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डीएम प्रणव कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक में बीमारी से बचाव को लेकर कई निर्णय लिए गए। बचाव के लिए गठित विभिन्न कोषांगों के कार्याें की समीक्षा में संतोषजनक शुरुआत नहीं मिलने पर डीएम ने नाराजगी जताई। सभी कमेटियों के प्रभारी को अपने कार्य समय से जमीन पर उतारने के निर्देश दिए गए। प्रचार प्रसार व जागरूकता कोषांग के अभी तक किए गए कार्यों की जानकारी नोडल अधिकारी डीपीआरओ कमल सिंह ने दी। प्रचार-प्रसार संबंधित विभिन्न कार्यों के अतिरिक्त इस बार स्कूलों के माध्यम से भी जागरूकता कार्यक्रम संचालित होंगे। 

स्कूलों में प्रतिदिन चमकी पर चर्चा कराने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी मार्च के प्रथम सप्ताह से इसे अनिवार्य रूप से शुरू करेंगे। आइसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्रों में जितने भी नामांकित या गैर नामांकित बच्चे हैं, उनके नाम, पिता का नाम, पूर्ण विवरण, मोबाइल नंबर सहित उपलब्ध कराएंगे। आंगनबाडी केंद्रों पर टीएचआर में स्वीकृति लेकर गुड़ वितरण के निर्देश दिए गए। बैठक में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.हरेंद्र आलोक, एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ.विकास कुमार, नोडल अधिकारी डॉ.सतीश कुमार, शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.गोपाल शंकर सहनी, केयर के समन्वयक सौरभ तिवारी समेत कई चिकित्सक व अधिकारी थे।

एईएस से जंग की तैयारी 

-10 मार्च से दीवार लेखन का कार्य शुरू होगा।

- अप्रैल से प्रत्येक सप्ताह अधिकारियों को संबंधित पंचायतों में जाना अनिवार्य होगा।

-मार्च में ही आरबीएसके के वाहनों द्वारा माइङ्क्षकग से प्रचार-प्रसार शुरू होगा।

- पंचायतवार एक-एक तिपहिया वाहन भी पंचायतों में सघन प्रचार-प्रसार करेंगे।

- आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्रों में कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की सूची शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के निर्देश।

-16 लाख जागरूकता पर्चा वितरित किए जाएंगे।

- 25000 पोस्टर ग्रामीण बस्तियों की दीवारों पर चस्पा किए जाएंगे।

- महादलित टोला में जनसंपर्क विभाग होङ्क्षल्डग्स लगाएगा। 

- केयर की ओर से उन्मुखीकरण कार्यशाला होगी। 

- सभी पीएचसी अलर्ट मोड में रहेंगे। इसकी सतत मॉनीटङ्क्षरग होगी। 

- नुक्कड़ नाटकों, एफएम रेडियो, ङ्क्षप्रट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, फोन कॉल के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम होंगे। 

- 24 घंटे नियंत्रण कक्ष काम करेगा। इन्हें स्थापित करने के दिए गए निर्देश।

- रात में तैनात चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टाफ की विशेष मॉनीटङ्क्षरग होगी।

- सभी 385 पंचायतों के लिए पदाधिकारियों को अडॉप्ट करने का निर्देश।

-मार्च में कम से कम दो या तीन बार पदाधिकारी निर्धारित की गई पंचायतों में जाकर एईएस यानी चमकी बुखार से संबंधित प्रचार-प्रसार करेंगे।


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