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दरभंगा के एक गांव में मेधा के सम्मान से जीवंत हो रहीं यादें

दिवंगत न्यायाधीश के पांच बेटे उनकी व माता की याद में मेधावी छात्रों और शिक्षकों को सम्मानित करते हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 01:51 AM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 10:00 AM (IST)
दरभंगा के एक गांव में मेधा के सम्मान से जीवंत हो रहीं यादें
दरभंगा के एक गांव में मेधा के सम्मान से जीवंत हो रहीं यादें

मुजफ्फरपुर [मृत्युंजय भारद्वाज]। मेधा केसम्मान और समाजसेवा से माता-पिता की याद जिंदा रहे, यह काम कर रहे हैं केवटी के पिंडारूच गांव निवासी पांच भाई। पटना हाईकोर्ट के दिवंगत न्यायाधीश रतिकांत चौधरी के इन पुत्रों ने उनकी याद में 2015 में अपराजिता रतिकांत मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना की। इसके कोष में 50 लाख जमा करा दिए। प्रत्येक साल इससे करीब तीन लाख ब्याज मिलता है। इस राशि से मेधावी छात्रों व शिक्षकों की मदद की जाती है। स्वास्थ्य शिविर सहित अन्य सामाजिक कार्य होते हैं।

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कुछ अलग करने की सोच के साथ शुरुआत

माता-पिता की याद जिंदा रखने के लिए रतिकांत के बेटों सेवानिवृत्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रुकमिणीकांत चौधरी, बोकारो में निजी प्रैक्टिस कर रहे डॉ. नलिनीकांत, टाटा में चार्टर्ड अकाउंटेंट गिरीशकांत, सेवानिवृत्त इंजीनियर सुनीलकांत और कोल माइंस नागपुर में अधिकारी मधुकांत ने कुछ अलग करने की सोची। ट्रस्ट के संरक्षक रुकमिणीकांत बताते हैं कि गांव में काली मंदिर निर्माण के बाद देखभाल के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद ट्रस्ट के गठन का निर्णय हुआ। काली दुर्गा मंदिर ट्रस्ट के साथ ही माता-पिता के नाम पर ट्रस्ट बनाया। मां की संपत्ति बेचकर दोनों ट्रस्ट के लिए अलग-अलग फंड बना दिया।ब्याज से इनका संचालन हो रहा है।

छात्रों व शिक्षकों का इस तरह करते चयन

ट्रस्ट के सदस्य व सामाजिक कार्यकर्ता पिंडारूच सहित पड़ोस के गांवों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण करने वाले शिक्षकों की सूची बनाते हैं। ट्रस्ट की बैठक में सूची को अंतिम रूप दिया जाता है। इसी तरह ङ्क्षपडारूच हाईस्कूल से मैट्रिक पास करने वाले टॉप टेन छात्रों को सूचीबद्ध किया जाता है।

रतिकांत की जयंती पर वर्ष 2015 से 2017 तक मैट्रिक पास 24 छात्र-छात्राओं को 21-21 सौ रुपये छात्रवृत्ति दी गई। 2017 में पांच शिक्षकों 11-11 सौ नकद और प्रशस्ति पत्र दिया गया। ट्रस्ट प्रत्येक वर्ष चार कार्यक्रम अवश्य आयोजित करता है। ये रतिकांत एवं अपराजिता की जयंती व पुण्यतिथि पर होते हैं। इसमें चिकित्सा शिविर एवं गरीब-असहायों के बीच वस्त्र व कंबल वितरण शामिल है।

सकारात्मक सोच वाले संगठनों की जरूरत

सम्मानित होने वाले प्रधानाध्यापक पुर्णेंदु कुमार ठाकुर, शिक्षक राम प्रसाद महतो कहते हैं कि काम को सम्मान मिलने से ऊर्जा प्राप्त होती है। समाज को आज ऐसे सकारात्मक सोच वाले संगठनों व लोगों की जरूरत है। ट्रस्ट के सचिव पंडित शिवकांत झा कहते हैं कि ट्रस्ट छात्रवृत्ति, निर्धनतम छात्रों को शैक्षिक सहायता राशि, आपदा प्रबंधन, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य सेवा, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं बौद्धिक सहित अन्य कार्यक्रम करता है।


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