आंगनबाड़ी सेविकाओं की सजगता से बदल गया मीनापुर, चमकी बुखार से नहीं हुई एक भी मौत Muzaffarpur News
चमकी बुखार को धमकी देने वाली सेविका सम्मानित घर-घर जाकर लोगों को इस बीमारी से बचाव की जानकारी दी गई। इसका परिणाम मीनापुर में बुखार से नहीं हुई एक भी बच्चे की मौत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। चमकी बुखार को लेकर बदनाम मीनापुर प्रखंड क्षेत्र इस साल बदला-बदला रहा। चमकी बुखार को धमकी देने में आंगनबाड़ी सेविकाएं सफल रहीं। बच्चे आक्रांत होने लक्षण की सूचना मिलते ही उसे स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने में कोई देरी नहीं की गई। घर-घर जाकर लोगों को इस बीमारी से बचाव की जानकारी दी गई। इसका परिणाम यह आया कि इस साल मीनापुर में चमकी बुखार से एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई। अस्पताल पहुंचाए गए बच्चे स्वस्थ होकर घर लौटे। आंगनबाड़ी सेविकाओं की सराहनीय कार्यों को देखते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सेविकाओं ने इस तरह दिखाई सजगता
मीनापुर के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी पुष्पा कुमारी ने बताया कि 13 मई को रघई की सेविका रीना कुमारी को मोबाइल पर सूचना मिली कि एक बच्ची को तेज बुखार है। उसकी हालत ङ्क्षचताजनक है। सेविका उसके घर पर पहुंची। उसे ओआरएस का घोल पिलाई और पारासिटामोल खिलाई। इसके बाद उस बच्ची को मीनापुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाई। समय से इलाज होने से बच्ची की जान बची। सेविकाओं की सजगता ने इस साल मीनापुर में चमकी बुखार को बेअसर कर दिया गया। इन सेविकाओं को विभाग की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है।
तेज बुखार से दस बच्चे एसकेएमसीएच में भर्ती
एसकेएमसीएच पीकू वार्ड में तेज बुखार से पीडि़त दस बच्चों को भर्ती कराया गया। सभी का लक्षण के आधार पर इलाज किया जा रहा है। इलाजरत बच्चों में मनियारी के दो वर्षीय अभिशांक कुमार, तनु प्रिया, कुढऩी के नौ माह के अंश राज, साहेबगंज के 10 वर्षीय मो. सोहैल, हथौड़ी के दो वर्षीय मो. जुनौद, औराई की छह वर्षीय मुन्नी कुमारी, कांटी के 12 वर्षीय रोहित कुमार, सीतामढ़ी महिंदवारा के तीन वर्षीय रितिक कुमार, शिवहर तरियानी की छह माह के सुनैना कुमारी व कनहौली के दो वर्षीय रिधन कुमार शामिल हैं।