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सीएम के निर्देश पर 29 हजार बाढ़ पीडि़तों को भोजन देने की कवायद Muzaffarpur News

पूर्वी चंपारण के सात प्रखंडों के 14 स्थलों पर सामुदायिक रसोई घर का हो रहा संचालन। सीएम के निर्देश के बाद सजग हुआ प्रशासन।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 01:25 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 01:25 PM (IST)
सीएम के निर्देश पर 29 हजार बाढ़ पीडि़तों को भोजन देने की कवायद Muzaffarpur News
सीएम के निर्देश पर 29 हजार बाढ़ पीडि़तों को भोजन देने की कवायद Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पूर्वी चंपारण में बाढ़ का कहर बढऩे के साथ आम लोगों की सुरक्षा व राहत उपलब्ध कराने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर प्रयास तेज कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के आलोक में प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सामुदायिक रसोईघर का संचालन सोमवार से प्रारंभ कर दिया गया। जिलाधिकारी रमण कुमार के निर्देश पर फिलहाल सात प्रखंडों के 14 स्थलों पर कम्युनिटी किचन का संचालन किया जा रहा है। यहां 2900 लोगों का फिलहाल खाना बन रहा है। आवश्यकता के अनुसार इसकी संख्या अभी और बढ़ाई जाएगी।

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बताया गया कि सात प्रखंडों के 29 हजार लोग बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं। उन्हें ऊंचे स्थानों पर ले जाया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 18 पंचायतों के 48 गांव बाढ़ से घिरे हैं। जिन प्रखंडों में सामुदायिक किचन प्रारंभ किया गया है उनमें फेनहारा में सात, मधुबन में एक, ढाका में दो, बनकटवा में एक, रामगढ़वा में एक, सुगौली में एक व मोतिहारी सदर में एक शामिल है। प्रभावित प्रखंडों में सुगौली, रामगढ़वा, रक्सौल, बंजरिया, मोतिहारी सदर, ढाका, पताही, फेनहारा व चिरैया प्रमुख है। फंसे लोगों को निकालने के लिए फिलहाल 42 सरकारी व 12 निजी नावों का परिचालन किया जा रहा है। आठ मोटर वोट चलाए जा रहे हैं। प्रभावित लोगों को फुड पैकेट का वितरण नहीं किया जा रहा है।

प्रधान सचिव ने जारी किया निर्देश

आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव अमृत प्रत्यय ने आदेश जारी कर कम्युनिटी किचन के अलावा फुड पैकेट के वितरण के आदेश दिए हैं। कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों के ऊंचे स्थल जहां लोग रह रहे हो वहां सबसे पहले सामुदायिक किचन चलाया जाए। यहां साफ-सफाई के साथ तैयार होने वाला खाना की गुणवत्ता की भी जांच जिलास्तरीय अधिकारी करें। किसी भी हाल में तला हुआ भोजन प्रभावित लोगों को नहीं दिया जाए। इसके अलावा फुड पैकेट का भी वितरण प्रभावित लोगों के बीच अविलंब कराएं।

 पैकेजिंग व वितरण के अलावा कम्यूनिटी किचन की फोटाग्राफी व वीडियोग्राफी कराएं। फुड पैकेट में दिए जाने वाले सामग्री की गुणवत्ता की जांच वरीय अधिकारी स्वयं करें। कहा कि फुउ पैकेट का वितरण पैकेङ्क्षजग के 48 घंटे के भीतर हर हाल में कर लिया जाए। गुणवत्तायुक्त आलू उपलब्ध नहीं होने पर पैकेट में एक किलो सोयाबीन डालें। जहां सड़क संपर्क भंग है वहां एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की मदद से राहत सामग्री पहुंचाए। सबसे पहले वैसे जगहों की प्राथमिकता दें जहां लोग बाढ़ के पानी से पूरी तरह से घिरे हो।

फूड पैकट में रहेगी यह सामग्री

चावल पांच किलो, दाल एक किलो, आलू दो किलो या सोयाबीन एक किलो, हल्दी छोटा पैकेट, चीनी आधा किलो, नमक आधा किलो, चना एक किलो, चूड़ा ढाई किलो व हैलोजन टैबलेट।


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