मुख्यमंत्री से मिले मुजफ्फरपुर के महापौर, शहर की समस्याओं से कराया अवगत
महापौर का कहना था कि जल निकासी योजना पर जिस गति से काम होना चाहिए वह बुडको द्वारा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सरकारी स्तर पर सख्ती बरतने का अनुरोध किया। इसके अलावा महापौर ने स्मार्ट सिटी की योजनाओं में हो रही देरी से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। महापौर बनने के बाद पहली बार ई. राकेश कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले और शहर की समस्याओं से अवगत कराया। महापौर ने आवास योजना की राशि आवंटित नहीं होने से होने वाली परेशानी से अवगत कराया। सात निश्चय योजना के विभागीय स्तर से स्वीकृति मे होने वाले विलंब को लेकर होने वाली परेशानी से अवगत कराया। निगम बोर्ड से स्वीकृति योजना को विभागीय मंजूरी से छुटकारा दिलाने का अनुरोध किया। उन्होंने बुडको द्वारा किए जा रहे कार्यों में देरी की शिकायत की। महापौर का कहना था कि जल निकासी योजना पर जिस गति से काम होना चाहिए वह बुडको द्वारा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सरकारी स्तर पर सख्ती बरतने का अनुरोध किया। इसके अलावा महापौर ने स्मार्ट सिटी की योजनाओं में हो रही देरी से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत 27 योजनाओं पर होगा काम
मुजफ्फरपुर : मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत सड़क एवं नाला निर्माण की 27 योजनाओं पर काम होगा होगा। योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक या दो दिन में निविदा की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। सात निश्चय योजना के तहत शहर के सभी वार्डो में एक-एक काम किया जाना है। महापौर ई. राकेश कुमार ने कहा कि इसके अलावा शहर के सभी वार्डो में 15-15 लाख की एक-एक योजना पर काम होगा। इसके लिए भी निविदा निकाली जा रही है।
वित्तीय अनियमितता को लेकर पहुंची वित्त विभाग की विशेष टीम
जागरण संवाददाता, दरभंगा : पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह के कार्यकाल में हुई वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए राजभवन द्वारा गठित विशेष आडिट टीम शुक्रवार की देर शाम दरभंगा पहुंच गई। तीन सदस्यीय टीम मिथिला विवि के पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेंद्र कुमार सिंह के कार्यकाल के दौरान हुई वित्तीय अनियमितताओं को लेकर नगर विधायक संजय सरावगी, आरटीआइ कार्यकर्ता रोहित कुमार सहित अन्य की शिकायत की जांच करेगी। आडिट टीम ने वर्तमान कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह से पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेंद्र कुमार सिंह के कार्यकाल में विभिन्न एजेंसियों को की गई भुगतान, शिकायतकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोप में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय सहित अन्य विभागों में अवैध रूप से कर्मचारियों की नियुक्ति कर करोड़ों रुपये की सरकारी संपत्ति की बंदरबांट आदि को लेकर संचिकाओ की मांग की है। शुक्रवार को टीम के अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितता संबंधित कई कागजात जुटाने शुरू कर दिए हैं।