Move to Jagran APP

Martyrs Day 2021:मुजफ्फरपुर में ही बापू ने भांप ली थी अंग्रेजों की ताकत

Martyrs Day 2021पहले एलएस कॉलेज में गांधीजी को रहने देने से कर दिया गया मना गयाबाबू के यहां प्रवास के दौरान गिरफ्तारी का लगातार था खतरा। तत्कालीन आयुक्त मोर्शेड ने भी मुलाकात के समय बापू से पूछा था सवाल आपको यहां किसने बुलाया।

By Ajit kumarEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 08:08 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 08:08 AM (IST)
Martyrs Day 2021:मुजफ्फरपुर में ही बापू ने भांप ली थी अंग्रेजों की ताकत
बापू ने जान भी लिया था कि उनके चंपारण जाने से अंग्रेज डरे हुए हैं। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, [प्रेम शंकर मिश्रा]। Martyrs Day 2021: ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी ने चंपारण से सत्याग्रह की शुरुआत की थी। मगर, उसकी रूपरेखा मुजफ्फरपुर में ही तैयार हो गई थी। साथ ही बापू ने यह जान भी लिया था कि उनके चंपारण जाने से अंग्रेज डरे हुए हैं। इससे अंग्रेजों की ताकत को भी उन्होंने भांप लिया था। 

loksabha election banner

पटना से मुजफ्फरपुर आने के बाद गांधीजी ग्रियर भूमिहार ब्राह्मण (अब एलएस) कॉलेज पहुंचे। यहां हॉस्टल के व्यवस्थापक आचार्य जेबी कृपलानी ने उन्हें प्रो. मलकानी के घर के ऊपरी कमरे में उनके रहने की व्यवस्था की थी। मगर, कॉलेज के ब्रिटिश प्रिंसिपल को बापू का यहां ठहरना अच्छा नहीं लगा। कृपलानी के आग्रह पर वे अधिवक्ता गया प्रसाद सिंह के आवास पर ठहरे। यहीं आंदोलन की रणनीति तैयार हुई। सबसे पहले बिहार प्लांटर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी जेएम विल्सन से उनकी मुलाकात हुई। विल्सन ने सीधे तौर पर किसी तरह की मदद से इन्कार कर दिया। बापू की अगली मुलाकात तिरहुत के तत्कालीन आयुक्त एलएफ मोर्शेड व मुजफ्फरपुर के कलेक्टर डी वेस्ट के साथ हुई। आयुक्त ने भी मदद से इन्कार करते हुए सवाल पूछा, आपको यहां किसने बुलाया? साथ ही यह संदेश भी दिया कि वे चंपारण नहीं जाएं। ब्रिटिश पदाधिकारियों द्वारा मदद नहीं करने व चंपारण जाने से रोकने की कोशिश ने गांधीजी के सत्याग्रह की जमीन तैयार कर दी। उन्होंने भांप लिया कि अंग्रेज उनकी चंपारण यात्रा से डर गए हैं।

उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद व ब्रजकिशोर बाबू को बताया, मैं तो दो दिन में जितना हो सकता था, उतना देखने आया था। मगर मुझे लगता है इस काम में दो वर्ष लगेंगे। इतना समय लगा तो भी देने के लिए तैयार हूं। मगर आपकी मदद चाहिए। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की आशंका भी जताई। धरणीधर, रामनवमी प्रसाद व गोरख प्रसाद के साथ चंपारण रवाना होने के साथ ही गिरफ्तारी वारंट का इंतजार करने लगे। जरूरत का सामान एक पेटी में रखी। बाकी सामान दूसरी पेटी में रखते हुए मगनलाल गांधी को पत्र लिखा, 'अभी मैं चंपारण के लिए निकल रहा हूं। मेरी गिरफ्तारी नहीं हुई तो भी मैं कब वापस आऊंगा कह नहीं सकता। मैं अगर जेल गया तो अब तक का यह अंतिम पत्र होगा। जो भी घटेगा आपको तार से बताऊंगा। यहां आकर जेल जाने का विचार कोई भी नहीं करे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.