कौन है जो मधुबनी में महात्मा गांधी की प्रतिमा को लगने नहीं दे रहा?
Mahatma Gandhi मधुबनी में अतिक्रमणकारियों की भेंट चढ़ गया अर्धनिर्मित गांधी स्मारक भवन। 1985 में सीमा के निकट स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा के टूटने के बाद शुरू हुआ था स्मारक भवन का निर्माण। ना भवन का निर्माण पूरा हुआ ना अब तक महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी।
मधुबनी (मधवापुर), जासं। मधवापुर गांधी चौक स्थित अर्धनिर्मित गांधी स्मारक भवन वर्षों से गांधी प्रतिमा की बाट जोह रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्मारक भवन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण वर्षों बाद भी अर्धनिर्मित हाल में ही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब गांधी स्मारक भवन का निर्माण ही अधर में लटका हुआ है तो फिर गांधी प्रतिमा स्थापित करने की बात ही बेमानी लगती है। गांधी प्रतिमा की स्थापना की बाट जोहते अब स्मारक भवन अतिक्रमणकारियों की चपेट में आ गया है। स्थानीय व्यवसायी इसका अतिक्रमण कर उसमें तंबाकू, फल व अंडों की दुकानें सजा चुके हैं। इतना ही नहीं, सीमा सुरक्षा में तैनात मधवापुर एसएसबी के जवान ड्यूटी के दौरान इस स्मारक भवन में आराम भी फरमाते हैं।
बता दें कि आजादी के बाद स्वतंत्रता सेनानियों, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के अथक प्रयास से भारत-नेपाल सीमा के बगल में सरकारी जमीन पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। वर्ष 1985 के दौरान बापू की प्रतिमा टूट कर गिर गई। इसके बाद स्थानीय राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल पर बाहर के एक व्यवसायी के द्वारा गांधी स्मारक भवन का अधूरा निर्माण कराया गया। तब से लेकर आज तक स्मारक भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी है। तत्कालीन सांसद एवं विधायक ने स्मारक भवन का अधूरा निर्माण पूर्ण कर प्रतिमा स्थापित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक उक्त स्मारक भवन में गांधी प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी है। जदयू नेता रामबाबू साह, कांग्रेस नेता नीलाम्बर मिश्र ने इसपर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारियों की लापरवाही व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण गांधी की प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी है। वहीं, जिलाधिकारी से प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है।
कक्षा छह से आठ में खाली रह गईं दो तिहाई सीटें
मुजफ्फरपुर : तीसरे चरण में प्राथमिक शिक्षक नियोजन को लेकर दो प्रखंडों में रिक्त सीटों के लिए काउंसङ्क्षलग की गई। जिला स्कूल केंद्र पर कक्षा छठी से आठवीं तक के लिए सीट से एक तिहाई अभ्यर्थियों का ही चयन हो सका। बंदरा, बोचहां प्रखंड को मिलाकर कुल 35 सीटों पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी। इसमें से दोनों प्रखंडों को मिलाकर कुल 12 सीटों पर ही शिक्षकों का चयन हो सका। बंदरा में निर्धारित चार पदों में से दो पर और बोचहां में 31 में से 10 पदों पर अभ्यर्थियों का चयन किया गया। रिक्त सीटों को अगले चरण में होने वाले शिक्षक नियोजन में जोड़ा जाएगा। डीपीओ स्थापना जमालुद्दीन ने बताया कि सभी नियोजन इकाई को कहा गया है कि चयनित अभ्यर्थियों से संबंधित प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से कोषांग को 24 घंटे के भीतर उपलब्ध कराएं। बता दें कि मंगलवार को कुल 471 सीटों के लिए काउंसङ्क्षलग होगी। इसके लिए जिला मुख्यालय में तीन केंद्र बनाए गए हैं। इन सीटों पर करीब 10 हजार अभ्यर्थियों के पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में प्रशासन की ओर से वरीय पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गई है। काउंसङ्क्षलग परिसर में सिर्फ अभ्यर्थी को ही प्रवेश करने दिया जाएगा।