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चंपा की खुशबू से महकेगा चंपारण का घर-आंगन

हरियाली रहेगी तभी जीवन बचेगा। लोग सुखी होंगे। इसे समझते तो सभी हैं, लेकिन पेड़ बचाने और पौधरोपण के लिए प्रति कम ही लोग आगे आते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 12:00 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 12:00 PM (IST)
चंपा की खुशबू से महकेगा चंपारण का घर-आंगन
चंपा की खुशबू से महकेगा चंपारण का घर-आंगन

मुजफ्फरपुर। हरियाली रहेगी तभी जीवन बचेगा। लोग सुखी होंगे। इसे समझते तो सभी हैं, लेकिन पेड़ बचाने और पौधरोपण के लिए प्रति कम ही लोग आगे आते हैं। अप्रवासी भारतीय पूर्वी चंपारण जिले के सरोत्तर निवासी राकेश पांडेय ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। उनकी मदद से गांव-गांव चंपा के पौधे लगाने का अभियान चल रहा है। 'चंपा से चंपारण' अभियान के तहत हजारों पौधे लग चुके हैं। दो लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है।

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दवा कंपनी के जरिए बुलंदी पाने वाले राकेश का दिल मातृभूमि के लिए धड़कता है। कभी चंपारण की पहचान रहे चंपा और पर्यावरण के प्रति लोगों की उदासीनता देख उन्होंने इसके लिए कुछ करने की ठानी। शुरुआत चंपा के पौधे लगाने से की। लोगों के माध्यम से 'गांव-गांव चंपा-चंपा' अभियान चला रहे हैं। पौधे लगाने के बाद देखभाल के लिए भी प्रेरित करते हैं। कौन बनेगा करोड़पति सीजन पांच के विनर सुशील कुमार को 20,500 पौधे दिए, जो लग चुके हैं।

समाजसेवा में नहीं रहते पीछे :

राकेश ने अप्रैल 2016 में केसरिया के बुद्ध महोत्सव में मेडिकल कैंप लगाया, जिसमें दिल्ली व मुंबई के चिकित्सकों ने कैंसर रोगियों की जांच की। रक्सौल निवासी शहीद बीएसएफ के हवलदार जितेंद्र ¨सह की पत्नी को गृह निर्माण के लिए पांच लाख की मदद दी। कई गरीबों के इलाज में मदद की।

शिक्षा के लिए कर रहे काम : राकेश गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए भी काम कर रहे हैं। 2016 में उज्बेकिस्तान की 'इन्हा यूनिवर्सिटी इन ताशकंद' के साथ करार कर वहां के पांच छात्रों को टेलीमेडिसिन की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दे रहे हैं। महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों को 'भास्करचंद्र तिवारी मेमोरियल स्कॉलरशिप' देने की घोषणा की है। इस यूनिवर्सिटी को आधुनिक प्रयोगशाला देने के लिए भी काम कर रहे हैं।

लंदन में रह रहे राकेश ने आरपीएस कॉलेज पटना से 1994 में इंटर साइंस के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में स्नातक और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। 2011 में दवा कंपनी की स्थापना की। धीरे-धीरे कंपनी का कारोबार यूएसए, यूके और यूएई सहित मध्य अफ्रीका और सेंट्रल एशिया के नौ देशों में व्यवसाय फैला दिया। राकेश कहते हैं, जीवन में तंगी देखी है। लक्ष्य है कि समाज के हर तबके की सेवा करने के साथ पर्यावरण के लिए काम करूं। आमदनी का एक हिस्सा इस पर खर्च करता हूं। कुलपति ने कहा महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के कुलपति डॉ. अर¨वद अग्रवाल ने कहा कि राकेश का चंपा के पौधे लगाने का अभियान बेहतर है। इससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा। चंपा की खुशबू से चंपारण महकेगा। उनकी सेवा का जज्बा काबिलेतारीफ है।


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