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Madhubani News: कोरोना से मरने वालों की विधवाओं को पेंशन देने में मधुबनी अव्वल

कोरोना से मृतकों की विधवाओं को पेंशन देने में मधुबनी ने हासिल की शत प्रतिशत उपलब्धि सूबे में मधुबनी जिला को मिला तीसरा स्थान नालंदा प्रथम तो अरवल सबसे नीचे जिले में जांच के उपरांत पाए गए सभी 28 लाभुकों को मिल गई।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 11:20 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 11:20 AM (IST)
Madhubani News: कोरोना से मरने वालों की विधवाओं को पेंशन देने में मधुबनी अव्वल
विधवाओं को पेंशन देने के मामले में मधुबनी जिला अव्वल।

मधुबनी, जासं। कोरोना से जिंदगी की जंग हार चुके मृतकों के विधवाओं को पेंशन देने के मामले में मधुबनी जिला अव्वल रहा है। जिले में शत प्रतिशत पात्र लाभुकों को पेंशन का लाभ दे दिया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना ने कई लोगों की जान ले ली है। कई गरीब परिवारों के कमाऊ पुरुष के कोरोना संक्रमण के कारण काल के गाल में समा जाने के कारण उनके स्वजनों पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। कोरोना संक्रमण से मरने वाले गरीब व्यक्ति के विधवा को सबसे ज्यादा आर्थिक तंगी झेलने को विवश होना पड़ा। ऐसे पीड़ित विधवाओं को सरकारी प्रावधान के तहत लाभान्वित करने में विभाग ने तत्परता दिखाई है।

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कोरोना से मृत पुरुषों के विधवाओं को पेंशन देने के मामले में शत-प्रतिशत उपलब्धि के साथ मधुबनी जिला सूबे में अव्वल रहा है। सूबे के 38 जिलों में से 11 जिलों ने इस मामले में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है, जिसमें मधुबनी जिला भी शामिल है। इस मामले में सूबे में शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने वाले जिलों में मधुबनी सहित नालंदा, समस्तीपुर, मधेपुरा, पूर्वी चंपारण, भागलपुर, कटिहार, मुंगेर, सुपौल, किशनगंज एवं सीतामढ़ी शामिल है। चूंकि नालंदा जिले में कोरोना मृतकों की विधवाओं को सबसे अधिक संख्या में पेंशन दी गई, इसलिए नालंदा को सूबे में प्रथम स्थान पर रखा गया। वहीं समस्तीपुर जिला दूसरे स्थान पर है। मधुबनी जिले में लाभुकों की संख्या नालंदा एवं समस्तीपुर से कम रहने पर इसे तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। हालांकि, मधुबनी जिले की उपलब्धि भी नालंदा एवं समस्तीपुर सहित अन्य दस जिलों की तरह शत प्रतिशत रही है।

कैसे अव्वल बना मधुबनी :

मधुबनी जिले में कोरोना से मृत पुरुषों की विधवाओं की संख्या 52 है। इनमें से पात्र विधवाओं की संख्या जिनकी पेंशन की स्वीकृति की गई है या पहले से पेंशन प्राप्त कर रही है, की संख्या 28 है। इसमें से बिहार के बाहर के चार लाभार्थी शामिल हैं। वैसे लाभार्थी जिनका नाम एपीएल में है और वार्षिक आय 60 हजार से अधिक है, उनकी संख्या 18 है। वैसे कोरोना से मृतक व्यक्ति जिनकी पत्नी की मौत हो चुकी है, की संख्या दो है। जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के 14 जून के रिपोर्ट के अनुसार कुल 52 लाभुकों का बैंक खाता विवरणी उपलब्ध कराया गया, लेकिन जांच के उपरांत पाया गया कि 28 लाभुक ही पेंशन के योग्य हैं। इन 28 लाभुकों को शत प्रतिशत पेंशन की स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इसके साथ ही मधुबनी जिला ने इस मामले में शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर ली है।

शत प्रतिशत उपलब्धि वाले जिलों की रैंकिंग :

नालंदा प्रथम, समस्तीपुर द्वितीय, मधुबनी तृतीय स्थान पर रहा। वहीं, मधेपुर चौथे, पूर्वी चंपारण पांचवें, भागलपुर छठे, कटिहार सातवें, मुंगेर आठवें, सुपौल नौवें, किशनगंज दसवें और सीतामढ़ी 11वें स्थान पर रहा। इन सभी जिलों ने शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है। शेष जिला शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने में विफल रहे। पटना जिला 36वें स्थान पर तो अरवल जिला सबसे अंतिम 38वें स्थान पर रहा। वहीं, मुजफ्फरपुर 13वें, पूर्णिया 14वें, दरभंगा 21वें और गया 30वें स्थान पर रहा।

-- जिले में कोविड-19 से प्रभावित हुए पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत पेंशन प्रदान कर आर्थिक सहायता की जा रही है। साथ ही वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांगजनों के सभी तरह की समस्याओं के निराकरण के लिए विभागीय कर्मियों की टीम गठित की गई है। इस टीम से समन्वय स्थापित कर वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांगजनों की समस्याओं का निष्पादन किया जा रहा है।- नलिनी कुमारी, सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, मधुबनी


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