Move to Jagran APP

Madhubani News: भारत-नेपाल में विवाह पंचमी की धूम, दूरदराज से जनकपुर पहुंच रहे श्रद्धालु

Madhubani Newsविवाह पंचमी को ले सीमावर्ती क्षेत्रों में उत्साह नौ को राम कलेवा के साथ होगा समापन त्रेता युग में जनकपुर पहुंचे थे प्रभु श्रीराम भगवान शिव के धनुष को तोड़ माता सीता का किया था वरण जनकपुर में हर साल सात दिनों तक मनाया जाता श्रीराम-जानकी विवाहोत्सव।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 04:29 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 04:29 PM (IST)
Madhubani News: भारत-नेपाल में विवाह पंचमी की धूम, दूरदराज से जनकपुर पहुंच रहे श्रद्धालु
जनकपुर में उत्सवी माहौल में प्रभु श्रीराम-जानकी का विवाहोत्सव मनाया जा रहा। जागरण

मधुबनी, {राजीव रंजन झा}। नेपाल के जनकपुर में इनदिनों विवाह पंचमी की धूम मची है। हर साल की तरह इस साल भी उत्सवी माहौल में प्रभु श्रीराम-जानकी का विवाहोत्सव मनाया जा रहा है। सात दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में शामिल होने सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा देश के विभिन्न कोनों से लोग पहुंचने लगे हैं। हालांकि, इस बार भी जनकपुर में विवाहोत्सव का आयोजन सामान्य रुप से किया जा रहा है। कोरोना संकट को देखते हुए इस बार भी अयोध्या से बारात नहीं पहुंची है। स्थानीय स्तर पर ही विवाहोत्सव मनाया जा रहा है। इधर, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर सीमा पर तैनात एसएसबी को अलर्ट कर दिया गया है। एसएसबी 40वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमाडेंट चंद्रशेखर ने बताया कि ओमिक्रोन को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, लेकिन सीमा पर मेडिकल टीम को तैनात करने का निर्देश दिया गया है। जल्द ही सीमा पर आवागमन करने वालों की जांच शुरू हो जाएगी।

loksabha election banner

नगर दर्शन के साथ शुरू हो चुका विवाहोत्सव

प्रभु श्रीराम के नगर दर्शन के साथ ही विवाहोत्सव का शुभारंभ तीन दिसंबर को हो चुका है। चार दिसंबर को फुलवारी लीला, पांच दिसंबर को धनुष यज्ञ, छह दिसंबर को तिलक उत्सव, सात दिसंबर को मटकोर, आठ दिसंबर को स्वयंवर व विवाह एवं नौ दिसंबर को राम कलेवा अर्थात विदाई का आयोजन होगा।

विवाह पंचमी में दिख रहा बेटी-रोटी का संबंध

सीमावर्ती क्षेत्र में नेपाल के साथ बेटी-रोटी का संबंध सदियों से कायम है। भारतीय क्षेत्र की कई बेटियां नेपाल में बहु है। वहीं, नेपाल की कई बेटियां भारतीय क्षेत्र में ब्याही हैं। इस कारण विवाह पंचमी में सीमा का भेद मिट चुका है। पिछले साल सीमा बंद होने के कारण लोग विवाह पंचमी में जनकपुर जाने से वंचित हो गए थे। इस बार सीमा खुली है। लोग जनकपुर पहुंचने लगे हैं। कई लोग तो अब विवाहोत्सव संपन्न होने के बाद ही जनकपुर से वापस लौटेंगे।

विभिन्न मार्गों से ऐसे पहुंचे जनकपुर 

जनकपुर जाने के लिए फिलहाल सड़क मार्ग ही उपलब्ध है। जयनगर-कुर्था रेल परियोजना चालू नहीं होने के कारण जनकपुर रेल मार्ग से नहीं पहुंचा जा सकता। हालांकि, मधुबनी स्टेशन या जयनगर स्टेशन तक ट्रेन से पहुंच कर वहां से सड़क मार्ग से हरलाखी प्रखंड स्थित जटही बार्डर को पार कर जनकपुर पहुंचा जा सकता है।

दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता से आने वाले श्रद्धालु हवाई मार्ग से दरभंगा तक पहुंच सकते हैं। वहां से सड़क मार्ग से रहिका, बेनीपट्‌टी, उमगांव होते हुए हरलाखी स्थित जटही बार्डर को पार कर जनकपुर पहुंचा जा सकता है।

देश के अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालु हवाई मार्ग से पटना या रेल मार्ग से मधुबनी या जयनगर स्टेशन पहुंच सकते हैं। पटना से सड़क मार्ग से वाया दरभंगा, रहिका, बेनीपट्‌टी, उमगांव होते हुए बार्डर पार कर जनकपुर पहुंच सकते हैं। जटही बार्डर से जनकपुर की दूरी करीब 12 किलोमीटर की है।

त्रेता युग में मिथिला की राजधानी थी जनकपुर

पड़ोसी देश नेपाल के साथ भारत का बेटी-रोटी का संबंध रहा है। त्रेता युग में जनकपुर मिथिला की राजधानी हुआ करती थी जो अब नेपाल देश का क्षेत्र हो चुका है। मान्यताओं के अनुसार, त्रेता युग में प्रभु श्रीराम अपने गुरु महर्षि विश्वामित्र एवं छोटे भाई लक्ष्मण के साथ जनकपुर पहुंचे थे। यहां माता जानकी के विवाह के लिए आयोजित स्वयंवर में भगवान शिव के धनुष को भंग कर माता सीता का वरण किया था। आज भी जनकपुर में प्रभु श्रीराम-माता जानकी के विवाह का मंडप विद्यमान है। इसके अलावा माता जानकी का मंदिर, प्रभु श्रीराम का मंदिर, राजा जनक का दरबार, विवाह मंडप आदि स्थल लोगों को आकर्षित करते हैं। कालांतर में मिथिला का यह भाग नेपाल देश के अधीन हो गया जहां पहुंचने के लिए आज लोगों को अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करना पड़ता है। हालांकि, नेपाल के मित्र राष्ट्र होने के कारण सीमा पार करने के लिए पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं पड़ती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.