लो वोल्टेज के 'झटके' से लोग परेशान, बिजली उपकरण किसी काम के नहीं
बिजली रहने के बाद भी मोटर नहीं चल पाता है।पंखा भी गर्मी से राहत दे पाने में असमर्थ है। उपभोक्ताओं को मोबाइल तक चार्ज करने में दिक्कत हो रही है।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। एनबीपीडीसीएल के जाने के बाद मुजफ्फरपुर के लोगों में उम्मीद जगी थी कि बिजली आपूर्ति की स्थिति सुधरेगी, मगर अभी तक ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा। शहर के कई मोहल्ले और उससे सटे ग्रामीण इलाकों में लो वोल्टेज की समस्या विकराल रूप लेती जा रही।
विभाग फेल साबित
जहां एक ओर उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं, वहीं विभाग भी इस समस्या का समाधान करने में फेल साबित हो रहा। स्थिति यह है कि आपूर्ति तो की जा रही, लेकिन उसका पूरा लाभ उन्हें नहीं मिल रहा।
नहीं चल रहा मोटर
बिजली रहने के बाद भी न तो पानी के लिए मोटर चल पाता है और पंखा भी गर्मी से राहत नहीं दे पा रहा। उन्हें मोबाइल तक चार्ज करने में दिक्कत हो रही। इससे उपभोक्ताओं में विभाग के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही। शहरी क्षेत्र के बेला, कच्ची-पक्की, मझौली, धर्मदास, शेरपुर, नारायणपुर समेत कई मोहल्लों में लो वोल्टेज की समस्या से लोग जूझ रहे हैं।
पंखा भी किसी काम का नहीं
वहीं शहर के सटे कुढऩी प्रखंड की माधोपुर सुस्ता पंचायत के विशुनपुर गिद्धा, माधोपुर, चकभिखी गांव के लोग भी कम वोल्टेज आने की समस्या से परेशान हैं। विशुनपुर गिद्धा के मो. जावेद, गनौर साह, रमेश साह का कहना है कि लो वोल्टेज से मोटर नहीं चलती है। इससे पेयजल का संकट गहराता जा रहा है। वहीं, पंखा भी डोलता रहता है।
चापाकल का सहारा
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं। पेयजल के लिए चापाकल व कुएं ही सहारा बने हैं। कई बार शिकायत के बावजूद समस्या जस की तस बनी है। माधोपुर गांव के अरमान अंसारी ने बताया कि 24 घंटे में मात्र छह-सात घंटे ही बिजली रहती है। रात में काफी कम बिजली मिलती है। जब बिजली रहती भी है तो वोल्टेज इतना कम आता है कि मोबाइल तक चार्ज करना मुश्किल होता है। खास बात यह है कि यह समस्या टाउन फीडर थ्री से जुड़े कई इलाकों की है।
बिजली की बढ़ी मांग
इस बारे में शहरी-दो के कार्यपालक अभियंता पंकज कुमार ने कहा कि अधिक गर्मी पडऩे पर बिजली का उपयोग बढ़ गया है। साथ ही बिजली चोरी भी समस्या बढ़ी है। जर्जर तार बदलने का काम जगह-जगह चल रहा है। समस्या को लेकर पश्चिमी डिवीजन कार्यालय में आवेदन दें। समाधान किया जाएगा।