Indian Railway: टिकटों के रद और बुकिंग से समस्तीपुर रेलमंडल में आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया
इसका मुख्य कारण यात्री ट्रेनों का कम संख्या में परिचालन है। वहीं यात्रियों के टिकट रद कराने पर रिफंड देने के लिए सुरक्षित रखनी पड़ती राशि।
समस्तीपुर [मुकेश कुमार]। समस्तीपुर रेल मंडल में यात्री टिकटों के रद और बुकिंग से रेलवे की आमदनी पर खासा असर पड़ा है। मुख्य कारण यात्री ट्रेनों का कम संख्या में परिचालन है। दूसरे, संक्रमण के भय से यात्रियों की संख्या में कमी। ऐसे में जितने की बुकिंग नहीं हो रही, उससे ज्यादा रिफंड करना पड़ रहा है। इस कारण मंडल की हालत आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया वाली हो गई है। लॉकडाउन से पहले यह आय पीआरएस और यूटीएस से करोड़ों में होती थी।
समस्तीपुर रेलमंडल में एक जून से 23 जून तक 983 यात्रियों ने आरक्षण करवाकर यात्र की। इससे रेलवे को पांच लाख 85 हजार 667 रुपये की आय हुई। दूसरी ओर, इसी अवधि में टिकट रद करानेवालों की संख्या औसतन प्रतिदिन 2763 तक पहुंच गई। इससे औसतन रेलवे को 21 लाख 43 हजार रुपया प्रतिदिन का भुगतान करना पड़ा। इसमें सबसे ज्यादा भुगतान रेलवे को 13-14 जून को करना पड़ा था। टिकटों की बिक्री से पर्याप्त आमदनी नहीं होने के कारण रेलमंडल मुख्यालय को विभिन्न स्टेशनों को रिजर्व राशि से धन आवंटित करना पड़ा।
12 अगस्त तक के टिकट होंगे रद
नियमित ट्रेन परिचालन की आस लगाए यात्रियों को फिर से निराश होना पड़ेगा। रेल प्रशासन ने नियमित ट्रेन सेवा को अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया है। अब एक जुलाई से 12 अगस्त तक के जारी अग्रिम आरक्षित टिकटों के रिफंड और नियमित ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से रेलवे पर फिर दबाव होगा।
इस बारे में सीनियर डीसीएम सरस्वतीचंद्र ने कहा कि टिकट वापसी के लिए रेलवे के पास फंड की कमी नहीं है। चूंकि टिकटों की बिक्री अभी उतनी नहीं है जितनी वापसी हो रही है। रेलमंडल मुख्यालय में टिकट रिफंड के लिए एक सुरक्षित निधि भी है। इसका उपयोग ऐसे फंड के लिए हो रहा है।