Chitragupta Puja 2019: हमारे कर्मों का लेखा-जोखा रखते भगवान चित्रगुप्त, जानें पूजा का महत्व
कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। इस दिन कलम-दवात की भी पूजा की जाती है। जानिए इस पूजा का महत्व।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। इस दिन कलम-दवात की भी पूजा की जाती है। भगवान चित्रगुप्त को कायस्थ समाज का सृजनकर्ता माना जाता है। ज्योतिषाचार्य शास्त्री नगर के विमल कुमार लाभ बताते हैं कि भगवान चित्रगुप्त को ब्रह्माजी का पुत्र माना जाता है। कायस्थ समाज के लोग भगवान चित्रगुप्त के ही वंशज माने जाते हैं, जिसके कारण इस समाज को चित्रांश के नाम से भी जाना जाता है। हमारे कर्मो का सारा लेखा-जोखा भगवान चित्रगुप्त ही बनाते हैं। इसलिए इनकी पूजा का विशेष महत्व है।
इनके हाथों में कर्म की किताब, कलम, दवात और जल है। ये कुशल लेखक है और इनकी लेखनी से जीवों को उनके कर्मो के अनुसार न्याय मिलता है।
मंगलवार को होने वाली चित्रगुप्त पूजा को लेकर शहर के विभिन्न गली-मोहल्ले में पूजा-समितियों द्वारा की जारही है। शहर में कई चित्रगुप्त मंदिर भी हैं, जहां कई दिन पूर्व से ही विशेष तैयारी चल रही थी। चित्रगुप्त एसोसिएशन शहर के छाता चौक स्थित चित्रगुप्त एसोसिएशन परिसर में मूर्ति पूजा की शुरुआत स्व.श्यामनंदन सहाय ने सन् 1930 ई. में की थी। कालांतर में बाघी इस्टेट व चित्रांश समाज के गणमान्य लोगों ने मिलकर मंदिर की स्थापना की। वर्ष 2005 में मंदिर का विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण किया गया।
एसोसिएशन महामंत्री डॉ.अजय नारायण सिन्हा बताते हैं कि वार्षिक चित्रगुप्त पूजा के अलावा एसोसिएशन की ओर से सालोंभर सामाजिक कार्य किए जाते रहे हैं। इनमें निर्धन व समाज के मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति, समाज के असहाय व निर्धन विवाह योग्य कन्याओं का विवाह, आकस्मिक बीमारी से ग्रसित लोगों को आर्थिक व अन्य प्रकार से सहयोग आदि शामिल हैं। अधिवक्ता अमित प्रकाश श्रीवास्तव बताते हैं कि यहां पूजा के अगले दिन बिरादरी भोज का आयोजन होता है। जिसमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले चित्रांश परिवार के लोग जुटते हैं।
चित्रगुप्त मंदिर, शास्त्री नगर : शास्त्री नगर स्थित भगवान चित्रगुप्त मंदिर की स्थापना वर्ष 2003 में की गई। लोग बताते हैं कि यहां चित्रगुप्त पूजा के दिन विशेष आयोजन होता है। शास्त्री नगर सहित आसपास के विभिन्न क्षेत्रों के लोग पूजा के लिए जुटते हैं। यह मंदिर कमेटी द्वारा संचालित है।
बाबा शक्तिनाथ मंदिर, शेरपुर : शहर के नारायणपुर, शेरपुर स्थित बाबा शक्तिनाथ मंदिर परिसर में भगवान चित्रगुप्त सहित अन्य देवी-देवताओं का भी मंदिर है। ग्रामीणों की मानें तो यहां जनसहयोग से हर वर्ष मूर्ति पूजा की जाती रही है। करीब तीन साल पूर्व डॉ.अरुण कुमार ने परिसर में भगवान चित्रगुप्त की प्राण-प्रतिष्ठा कराई।