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Lockdown effect : मुजफ्फरपुर की शान लीची के खरीदारों को लॉकडाउन ने इस तरह किया लॉक, किसान चिंतित

Lockdown effect नेपाल समेत अन्य प्रदेशों से बाग खरीदने नहीं पहुंच सके कारोबारी। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक ने कहा कुछ खास असर नहीं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 11 Apr 2020 08:31 AM (IST)Updated: Sat, 11 Apr 2020 08:31 AM (IST)
Lockdown effect : मुजफ्फरपुर की शान लीची के खरीदारों को लॉकडाउन ने इस तरह किया लॉक, किसान चिंतित
Lockdown effect : मुजफ्फरपुर की शान लीची के खरीदारों को लॉकडाउन ने इस तरह किया लॉक, किसान चिंतित

मुजफ्फरपुर, [नीरज कुमार]। इस साल मुजफ्फरपुर में लीची की बेहतर पैदावार की संभावना है। लेकिन, लॉकडाउन ने खरीदारों को लॉक कर दिया। दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी और नेपाल के व्यवसायी अब तक बाग खरीदने नहीं पहुंच सके हैं। यद्यपि बड़े किसान मोबाइल के जरिए व्यवसायियों से संपर्क कर रहे हैं, पर अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही। ऐसे में तो किसानों की चिंता जायज है। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक ने कहा कि लॉकडाउन का लीची व्यवसाय पर असर नहीं पड़ेगा।

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खराब मौसम से लीची को नुकसान

मुशहरी के किसान संजय कुमार, सरैया के ब्रजमोहन और औराई के दिनेश प्रसाद कहते हैं कि इस बार मंजर लगने के साथ ही बेहद उत्साहित थे। लेकिन, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते लीची को काफी नुकसान पहुंचा। अब लॉकडाउन का असर दिख रहा। दिनेश ने बताया कि पिछली बार यूपी के कारोबारी ने उनका बाग खरीदा था। इस बार अब तक नहीं बिक पाया है।

पांच हजार बड़े लीची उत्पादक किसान होंगे प्रभावित

लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह कहते हैं कि परिवहन की व्यवस्था हो भी जाए तो लीची पहुंचेगी कैसे? 20 मई तक बाजार में लीची की आवक शुरू हो जाती है। अब तक बाहर के व्यापारी नहीं पहुंच सके हैं। जिले में पांच हजार बड़े लीची उत्पादक किसानों और एक लाख मजदूरों को भारी क्षति उठानी पड़ेगी।

लीची व्यवसाय पर नहीं पड़ेगा असर

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विशालनाथ ने कहा कि लॉकडाउन का लीची पर कोई असर नहीं है। यहां लीची की बिक्री दो स्टेज में होती है। पहली स्थिति में व्यापारी किसानों को कुछ पैसा पहले दे देते। दूसरी स्थिति में फल तैयार होने पर किसान बेचते। कई व्यापारी तीन-तीन साल के लिए बाग खरीद लेते। व्यापारी और किसान एक-दूसरे के संपर्क में हैं। लीची आने में एक से सवा महीने का वक्त है। तबतक लॉकडाउन समाप्त होने की उम्मीद है।

लीची की बिक्री से संबंधित संसाधन की डिमांड

निदेशक ने कहा कि केंद्र लीची की मार्केटिंग, पैकिंग और ट्रासंपोर्टेशन की तैयारी कर रहा है। सरकार को पत्र भेजकर लीची की बिक्री से संबंधित संसाधन डिब्बा, बक्सा और ट्रांसपोर्टेशन की समय रहते व्यवस्था कराने की मांग की गई है।

मुजफ्फरपुर लीची उत्पादन में अव्वल 

लीची उत्पादन के लिए मुजफ्फरपुर देश में अव्वल है। बिहार में कुल 32 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती होती है। अकेले मुजफ्फरपुर में 11 हजार हेक्टेयर में लीची के बाग हैं। सूबे में पिछले साल 1000 करोड़ का लीची का व्यवसाय हुआ था। इनमें मुजफ्फरपुर की भागीदारी 400 करोड़ थी। इस बार 500 करोड़ से अधिक के कारोबार की उम्मीद है।


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