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Muzaffarpur Litchi: अगर तापमान अचानक नहीं बढ़ा तो इस वर्ष लीची की फसल बेहतर होने की उम्मीद

Muzaffarpur Litchi कार्यशाला में वैज्ञानिकों के साथ निदेशक ने दी जानकारी। अगर तापमान अचानक नहीं बढ़ा तो इस वर्ष लीची की फसल बेहतर होने की उम्मीद है। जिले में 12 हजार हेक्टेयर में लीची के बाग हैं। फसल अच्छी होगी तो 84 से 86 हजार टन उत्पादन होगा।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 10:15 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 10:15 AM (IST)
Muzaffarpur Litchi: अगर तापमान अचानक नहीं बढ़ा तो इस वर्ष लीची की फसल बेहतर होने की उम्मीद
कार्यशाला में वैज्ञानिकों के साथ निदेशक ने दी जानकारी।

मुशहरी (मुजफ्फरपुर), जासं। अगर तापमान अचानक नहीं बढ़ा तो इस वर्ष लीची की फसल बेहतर होने की उम्मीद है। जिले में 12 हजार हेक्टेयर में लीची के बाग हैं। फसल अच्छी होगी तो 84 से 86 हजार टन उत्पादन होगा। उक्त बातें लीची अनुसंधान परिसर में वैज्ञानिकों व मीडिया कॢमयों की कार्यशाला में निदेशक राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र डॉ. शेषधर पांडेय ने कहीं। उन्होंने बताया कि लीची के बागों में सिंचाई का सही समय यही है, क्योंकि लीची के पेड़ों में दाने आना शुरू हो चुके हैं। इसी समय प्रति सप्ताह सिंचाई करने पर फलन बेहतर होगा। किसान पेड़ों की जड़ में ऑर्गेनिक खाद का ही प्रयोग करें।

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 पेड़ों पर छिड़काव अगले दो दिनों में अवश्य कर लें। किसान शाही किस्म के पौधों के थालों में हल्की सिंचाई कर सूखी घास की परत बिछाएं। इसके अलावा पौधों में प्लेनोफिक्स 4 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव अवश्य करें। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि चाइना किस्म के पौधों में छिड़काव इस सप्ताह के बाद करना चाहिए। 8-12 वर्ष के पौधों में 350 ग्राम यूरिया एवं 250 ग्राम पोटाश का प्रयोग एवं 15 वर्ष से ऊपर के पौधों में 450 ग्राम से 500 ग्राम यूरिया सहित 250 से 300 ग्राम पोटाश का उपयोग जरूरी है। इसमें सावधानी यह बरतना है कि उर्वरकों का प्रयोग पर्याप्त नमी रहने पर ही करना चाहिए। वैज्ञानिक संजय कुमार सिंह ने बताया कि लीची में बोरर कीट से बचाव के लिए थियक्लोरोपरिद या इमिडाइक्लोपरिद दवा 0.75 एक मिली लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें।


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