सर्दी का सितम, शहर से गांव तक सभी बेदम
जिले में सर्दी का सितम जारी है।
मुजफ्फरपुर : जिले में सर्दी का सितम जारी है। इससे शहर से लेकर गांव तक सभी बेदम नजर आ रहे है। मंगलवार की सुबह ठंड अपने चरम पर थी। कुहासा का भी असर दिखा। हालांकि दोपहर में चंद घंटों के लिए धूप निकली, लेकिन पछुआ हवा से कनकनी बरकरार रही। शाम ढलते ही लोग फिर घरों में बंद हो गए। सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। समय से पहले ही दुकानें बंद हो गई। ग्रामीण इलाकों में लोग अलाव के सहारे ठंड से निजात पाने की कोशिश करते नजर आएं। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि, पूसा के मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो अभी दो-तीन दिनों तक ठंड का प्रकोप जारी रहेगा। अधिकतम 13.5 डिग्री जो सामान्य से 8.9 डिग्री कम तथा न्यूनतम तापमान 9.0 डिग्री जो सामान्य से 1.9 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
मौसम रहेगा शुष्क
विभाग से जारी पांच दिनों के पूर्वानुमान में कहा गया है कि उत्तर बिहार के जिलों में अगले दो दिनों तक आसमान साफ तथा मौसम शुष्क रहेगा। अगले दो से तीन दिनों तक ठंड का प्रकोप बने रहने की संभावना है। इसके बाद हल्के से मध्यम बादल छा सकते हैं। 23 जनवरी के आसपास हल्की वर्षा होने की संभावना है। इस अवधि में अधिकतम 17 से 19 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
पछिया हवा चलने से ठंड में होगी वृद्धि
मौसम विभाग के नोडल पदाधिकारी डा. ए सत्तार ने बताया कि इस बीच पछिया हवा चलने के कारण ठंड में वृद्धि हो सकती है। अगले दो-तीन दिनों तक पछिया हवा चलेगी। इसके बाद पुरवा हवा चलने की संभावना है। इस दौरान हवा की रफ्तार औसतन 6 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 85 तथा दोपहर में 50 से 55 प्रतिशत रहने की संभावना है। किसानों के लिए सुझाव
-वर्तमान मौसम आलू की फसल में पिछेती झुलसा रोग के फैलाव के लिए अनुकूल है। ऐसे में फसल की नियमित रूप से निगरानी करनी जरूरी है। इस रोग में फसलों की पत्तियों के किनारे व सिरे से झुलसना शुरू होती है। इस कारण पूरा पौधा झुलस जाता है। इससे बचाव के लिए उचित दवा का छिड़काव मौसम साफ रहने पर करें।
- पिछात रोपी गई गेहूं की फसल में खर-पतवार नियंत्रण के कार्य को प्राथमिकता देना चाहिए। फसल में जिक की कमी के लक्षण (गेहूं के पौधों का रंग हल्का पीला हो जाना) दिखाई दे रहे हो तो 2.5 किलोग्राम जिक सल्फेट, 1.25 किलोग्राम बुझा हुआ चुना एवं 12.5 किलोग्राम यूरिया को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से 15 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव मौसम साफ रहने पर करें।
- पशुओं को ठंड से बचाव के उपाय करें, उनके आवास पर पर्याप्त गर्म की व्यवस्था होनी चाहिए।