प्रधानाध्यापक और उसके पति की हत्या के चार दोषियों को आजीवन कारावास Muzaffarpur News
प्रभारी प्रधानाध्यापक मधुबाला कुमारी और पति सुरेश प्रसाद सिंह की चाकू से गोदकर की गई थी हत्या। सभी को देना होगा 75-75 हजार रुपये जुर्माना।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सकरा थाना क्षेत्र के गन्नीपुर बेझा गांव की प्रभारी प्रधानाध्यापक मधुबाला कुमारी व उनके पति सुरेश प्रसाद सिंह हत्याकांड में चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा पाने वालों में उसी गांव के संजय कुमार सिंह, रंजीत कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, महेश कुमार व धर्मेंद्र कुमार उर्फ झबरा शामिल हैं। सभी को हत्या के दोषी में 50-50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। जुर्माना की राशि नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। साजिश रचने के दोषी में चारों को 25-25 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। यह राशि नहीं देने पर 18 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
कोर्ट ने इससे पहले एक आरोपित दशरथ कुमार उर्फ शिवनाथ कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। सत्र-विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम वीरेंद्र कुमार ने फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक प्रमोद कुमार शाही ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किया। इस दौरान नौ साक्षियों को पेश किया गया।
यह है मामला
घटना 20 सितंबर 2016 की है। गन्नीपुर बेझा गांव की मधुबाला कुमारी की घर में घुस कर चाकुओं से गोद हत्या कर दी गई। बगल के कमरे में सोए उनके पति सुरेश प्रसाद सिंह जब बीच-बचाव करने गए तो उन्हें भी चाकुओं से गोद दिया गया। इलाज के लिए एसकेएमसीएच लाने के दौरान उनकी मौत हो गई थी। घर में उस समय उनकी शादीशुदा पुत्री गुंजन कुमारी भी मौजूद थीं। हत्यारों को इसका पता नहीं चला। उसने खिड़की से पूरी वारदात को देखा, लेकिन भय से चुप रही। उसी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। घटना के पीछे जमीन संबंधी विवाद बताया गया था।
घर के निकट रखा था नाच का प्रोग्राम
हत्या की घटना किसी को पता नहीं चले इसके लिए आरोपितों ने विश्वकर्मा पूजा के समापन के बहाने सुरेश प्रसाद सिंह के घर के निकट नाच का प्रोग्राम रखा था। हालांकि उन्होंने इससे मना किया था, लेकिन वे उसकी असली मंशा नहीं समझ सके थे। घटना के समय जोर-जोर से डीजे बजाया जा रहा था। इससे उनकी चीखें बाहर नहीं आ सकीं।
दो आरोपित अब तक फरार
इस मामले के दो आरोपित बिट्टू कुमार व सिंटू कुमार अब तक फरार हैं। पुलिस ने दोनों को फरार दिखाते हुए कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल किया था। दोनों के विरुद्ध एडीजे-नौ के कोर्ट में अलग से सत्र-विचारण चल रहा है।
पुत्र व पुत्री ने कहा, फांसी की सजा से कम मंजूर नहीं : कोर्ट के फैसला पर मधुबाला कुमारी के पुत्र संदीप शेखर व पुत्री गुंजन कुमारी ने कहा कि उन्हें आशा थी कि उनके माता-पिता के हत्यारे को फांसी की सजा दी जाएगी, लेकिन आजीवन कारावास की सजा मिली है। इससे वह संतुष्ट नहीं है। दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए हाईकोर्ट में जाएंगे। उधर, बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रियरंजन अनु ने भी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही।