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मुजफ्फरपुर में अधिक कीमत पर उर्वरक बेचने वाले चार दुकानों का लाइसेंस रद

कुढनी प्रखंड के किसान सेवा केंद्र कुढऩी मुकेश कृषि सेवा केंद्र जगन्नाथपुर शिवगंगा फर्टिलाइजर चिकनी व रमेश इंटरप्राइजेज तुर्की बाजार का लाइसेंस रद किया गया है। इसी मामले में वहां के प्रखंड कृषि पदाधिकारी व दो कृषि समन्वयकों से जवाब तलब किया गया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 11:29 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 11:29 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में अधिक कीमत पर उर्वरक बेचने वाले चार दुकानों का लाइसेंस रद
कृषि इनपुट के लिए आए आवेदन की जांच के बाद 30 हजार आवेदन निरस्त किए गए।

मुजफ्फरपुर, जासं। किसानों से निर्धारित कीमत से अधिक पर उर्वरक बेचने वाले कुढऩी के चार दुकानदारों का लाइसेंस रद कर दिया गया है। इसके साथ ही कुढऩी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी व दो समन्वयकों से जवाब -तलब किया गया है। कृषि इनपुट के लिए आए आवेदन की जांच के बाद 30 हजार आवेदन निरस्त किए गए। जिला कृषि पदाधिकारी शीलाजीत ङ्क्षसह ने बताया कि उर्वरक अधिक दाम पर बेचने तथा किसानों से सही व्यवहार नहीं करने के आरोप की जांच की गई। उसके बाद कुढनी प्रखंड के किसान सेवा केंद्र कुढऩी, मुकेश कृषि सेवा केंद्र जगन्नाथपुर, शिवगंगा फर्टिलाइजर चिकनी व रमेश इंटरप्राइजेज तुर्की बाजार का लाइसेंस रद किया गया है। इसी मामले में वहां के प्रखंड कृषि पदाधिकारी व दो कृषि समन्वयकों से जवाब तलब किया गया है। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने के बाद विभागीय कार्रवाई के लिए मुख्यालय को लिखा जाएगा। 

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किसानों ने लगा दिया पुराना कागजात

कृषि इनपुट के लिए दो लाख 70 हजार 497 किसानों ने आवेदन किया है। इसमें वैसे किसानों के आवेदन को विभाग सत्यापन के दौरान निरस्त कर रहा जिसमें 2018 से पूर्व की लगान रसीद जमा की गई है। जिला कृषि पदाधिकारी डा.शीलाजीत ङ्क्षसह ने बताया कि करीब 30 हजार यानी 12 प्रतिशत के आसपास आवेदन को निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है। कांटी के किसान सुरेश कुमार ने आरोप लगाया कि जिस वक्त आवेदन के लिए विज्ञापन निकाला था, उस समय पुरानी या नई लगान रसीद या भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र लगाने की शर्त नहीं रखी थी। जब आवेदन स्वीकार कर लिया गया तो 2018 के बाद की लगान रसीद की मांग की जा रही है। इस कारण किसान परेशान हैं। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसानों को हो रही परेशानी से विभाग को अवगत कराया गया है। लेकिन जो नियम है उसके मुताबिक जो आवेदन मानक पर रहे, उसे हीं स्वीकृत किया गया है। 


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