मुजफ्फरपुर में नीति आयोग के सीईओ व अन्य के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में परिवाद, जानें क्या लगा आरोप
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कंठ सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुजफ्फरपुर में परिवाद दायर किया गया है। मुजफ्फरपुर-पटना एनएच-77 के जर्जर होने का मामला।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कंठ सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीजेएम मुकेश कुमार के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। इसे अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दाखिल किया है। इसमें एनएचएआइ के मुजफ्फरपुर सर्कल के एसई दीनानाथ प्रसाद, एनएचएआइ रोड डिवीजन-एक के ईई अरुण कुमार, डिवीजन-दो के ईई अशोक कुमार, एनएच डिवीजन के ईई राम प्रवेश सिंह, एसई ओमप्रकाश गुप्ता, सदस्य फाइनेंस आशीष शर्मा, रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे मंत्रालय के सचिव संजीव रंजन, डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर के सचिव अतनु चक्रवर्ती और रोड डेवलपमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी उत्तर आइके पांडेय शामिल हैं। मामला मुजफ्फरपुर-पटना एनएच-77 के जर्जर होने को लेकर है। सीजेएम कोर्ट ने परिवाद की सुनवाई के लिए दो मार्च की तारीख मुकर्रर की है।
परिवाद में ये लगाए आरोप
परिवाद में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कहा है कि मुजफ्फरपुर से पटना शहर को जोडऩे वाली सड़क एनएच-77 काफी जर्जर हो चुकी है। इसमें रामदयालु से लेकर मधौल तक आएदिन दुर्घटना होती रहती हैं। कार से पटना से मुजफ्फरपुर लौटने के क्रम में इस क्षेत्र में दुर्घटना होने से उन्हें चोटें आईं। इसकी सूचना जब उन्होंने एनएच सर्कल एनएचएआइ के एसई ओमप्रकाश गुप्ता को दी तो दुव्र्यवहार कर भगा दिया गया। इस सड़क की जर्जरता का मामला लोकसभा में उठा था। परिवाद में आरोप लगाया गया है कि आरोपित मिलीभगत कर सड़क की मरम्मत व निर्माण कार्य नहीं करा रहे हैं।