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आओ लौट चलें कैंपस की ओर..

क्लास में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के तमाम प्रयासों के बीच एलएस कॉलेज ने इस साल भी छात्र मिलन समारोह आयोजित कर इस ओर सबका ध्यान खींचने का प्रयास किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 01:55 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 06:08 AM (IST)
आओ लौट चलें कैंपस की ओर..
आओ लौट चलें कैंपस की ओर..

मुजफ्फरपुर। क्लास में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के तमाम प्रयासों के बीच एलएस कॉलेज ने इस साल भी छात्र मिलन समारोह आयोजित कर इस ओर सबका ध्यान खींचने का प्रयास किया है। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओपी राय समेत तमाम शिक्षकों व कर्मचारियों ने छात्र-छात्राओं से कैंपस की ओर लौटने की अपील की है। कोचिंग का मोह छोड़ कॉलेज से नाता जोड़ने को कहा है। हौंसला आफजाई के लिए एसएसपी मनोज कुमार, दरभंगा पॉलीटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वरुण कुमार राय, चैपमैन बालिका हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक मदन कुमार चौधरी सरीखे कई शिक्षाविद ने छात्रों का मार्गदर्शन किया। नए सेशन में नामांकित छात्र-छात्राओं को कॉलेज के नियम, अनुशासन व व्यवस्था से अवगत कराते हुए उनके बेहतर भविष्य की कामना की। बच्चों को नियमित कॉलेज आना चाहिए और सिर्फ उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। बदलते दौर में शिक्षकों को पढ़ाने की पद्धति में भी बदलाव करने की जरूरत है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के मकसद से पढ़ाने की आदत डालनी चाहिए। एसएसपी ने कहा कि ऊर्जावान प्राचार्य के साथ विद्वान शिक्षकों का लाभ उठाएं। समय पर वर्ग करें। अनुशासित रहें। नैतिकता और ज्ञान की शक्ति हमें मंजिल तक अवश्य पहुंचाएगी। शिक्षा का उद्देश्य एक बेहतर इंसान बनना होता है। इस कॉलेज में पढ़ना आज भी गौरव की बात

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छात्रों को अपने कॉलेज के इतिहास व उसके स्टेटस को जानना जरूरी है। इतिहास सिर्फ भूत को जानने की सीख नहीं देता, बल्कि भविष्य को समझने, पूर्वजों द्वारा की गई गलतियों को नहीं दोहराने का सबक भी देता है। एक जमाने में पढ़ाई-लिखाई में इस कॉलेज बड़ा नाम था। लोग गर्व से बताते थे कि एलएस कॉलेज से हैं। 121 साल पुराने इस कॉलेज की दीवारों ने एक से एक लम्हे देखे हैं। नैक ने इस कॉलेज को 'ए' ग्रेड दिया है और यूजीसी ने इसकी इमारत को धरोहर की श्रेणी में रखा है। 59 एकड़ में फैले इस कॉलेज के कैंपस को देखने भी लोग आया करते थे। लंगट सिंह कॉलेज उस जमाने में छात्रों के लिए पहली च्वाइस होता था। आप सोचिए कि किस सपने के साथ 1899 में लंगट सिंह कॉलेज बना होगा और 2019 आते-आते अब छात्रों को कैंपस लौटने की अपील की जा रही है। निश्चित रूप से कहीं न कहीं व्यवस्था में गिरावट रही है। मगर, माहौल अब बदल गया है। प्राचार्य ने कहा कि इस कॉलेज में एक से बढ़कर एक शिक्षक हैं। तमाम सुविधाएं हैं। स्मार्ट क्लास की व्यवस्था है। छात्रों को नियमित क्लास करने आना चाहिए तथा अपने सहपाठियों को भी प्रेरित करना चाहिए। वाई-फाई सुविधा है। हरा-भरा परिसर स्वच्छ और सुंदर है। तुम्हीं भविष्य हो मेरे भारत विशाल के, इस महाविद्यालय को रखना मेरे बच्चों संभाल के..!


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