नीलाम पत्र वादों की नियमित सुनवाई नहीं होने से औसतन वसूली कम Muzaffarpur News
डीएम ने 31 नीलाम पत्र पदाधिकारियों को संबंधित बैंक व विभागों का दायित्व देकर सौंपा कार्य। प्रत्येक महीने की 20 से 25 तारीख तक पत्र से संबंधित मासिक प्रगति प्रतिवेदन उपलब्ध कराया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नीलाम पत्र वादों में नियमित सुनवाई नहीं होने से औसतन वसूली कम हो रही है। समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आने के बाद जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने 31 पदाधिकारियों को नीलाम पत्र पदाधिकारी का दायित्व दिया है। इनको संबंधित बैंक व विभागों के कार्यो का दायित्व देते हुए तेज गति से कार्य संचालित कराने का निर्देश दिया है।
डीएम ने पत्र में लिखा है कि समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि नीलाम पत्र पदाधिकारियों के प्रशाखा में स्थानांतरित कर उपलब्ध कराए गए नीलाम वाद की नियमित रूप से सुनवाई नहीं की जा रही है। इससे वसूली औसतन काफी कम हो रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पूर्व में त्वरित निष्पादन को लेकर निर्देश भी दिए गए थे। इसमें कहा गया था कि वे अपने कार्यालय के अधीनस्थ किसी लिपिक को नीलाम पत्र वाद के उपस्थापन के लिए अपना पेशकार नामित करें।
लेकिन, तेज गति से वसूली का काम नहीं होने पर डीएम ने फिर आदेश जारी किया। इसमें कहा है कि प्रत्येक सप्ताह के गुरुवार को एक बजे से नीलाम पत्र वादों से संंबंधित अभिलेखों की सुनवाई सुनिश्चत करेंगे। फिर प्रत्येक महीने के 20 से 25 तारीख तक नीलाम पत्र वादों से संबंधित मासिक प्रगति प्रतिवेदन जिला नीलाम पत्र प्रशाखा को उपलब्ध कराना सुनिश्चत करें, ताकि समेकित प्रतिवेदन ससमय सरकार में भेजा जा सके।