Move to Jagran APP

नीलाम पत्र वादों की नियमित सुनवाई नहीं होने से औसतन वसूली कम Muzaffarpur News

डीएम ने 31 नीलाम पत्र पदाधिकारियों को संबंधित बैंक व विभागों का दायित्व देकर सौंपा कार्य। प्रत्येक महीने की 20 से 25 तारीख तक पत्र से संबंधित मासिक प्रगति प्रतिवेदन उपलब्ध कराया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 09:29 AM (IST)
नीलाम पत्र वादों की नियमित सुनवाई नहीं होने से औसतन वसूली कम Muzaffarpur News
नीलाम पत्र वादों की नियमित सुनवाई नहीं होने से औसतन वसूली कम Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नीलाम पत्र वादों में नियमित सुनवाई नहीं होने से औसतन वसूली कम हो रही है। समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आने के बाद जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने 31 पदाधिकारियों को नीलाम पत्र पदाधिकारी का दायित्व दिया है। इनको संबंधित बैंक व विभागों के कार्यो का दायित्व देते हुए तेज गति से कार्य संचालित कराने का निर्देश दिया है।

loksabha election banner

डीएम ने पत्र में लिखा है कि समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि नीलाम पत्र पदाधिकारियों के प्रशाखा में स्थानांतरित कर उपलब्ध कराए गए नीलाम वाद की नियमित रूप से सुनवाई नहीं की जा रही है। इससे वसूली औसतन काफी कम हो रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पूर्व में त्वरित निष्पादन को लेकर निर्देश भी दिए गए थे। इसमें कहा गया था कि वे अपने कार्यालय के अधीनस्थ किसी लिपिक को नीलाम पत्र वाद के उपस्थापन के लिए अपना पेशकार नामित करें।

लेकिन, तेज गति से वसूली का काम नहीं होने पर डीएम ने फिर आदेश जारी किया। इसमें कहा है कि प्रत्येक सप्ताह के गुरुवार को एक बजे से नीलाम पत्र वादों से संंबंधित अभिलेखों की सुनवाई सुनिश्चत करेंगे। फिर प्रत्येक महीने के 20 से 25 तारीख तक नीलाम पत्र वादों से संबंधित मासिक प्रगति प्रतिवेदन जिला नीलाम पत्र प्रशाखा को उपलब्ध कराना सुनिश्चत करें, ताकि समेकित प्रतिवेदन ससमय सरकार में भेजा जा सके। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.