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Environment conservation : पर्यावरण संरक्षण के 'बीज' पर रोजगार सृजन के 'फल', जानें कैसे संभव हो पा रहा यह सब

Environment conservation डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार 40 को साल में तीन माह देते काम। बिहार सरकार की सूची में ए ग्रेड नर्सरी का दर्जा सम्मानित किए जा चुके हैं एनामुल।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 09:22 AM (IST)
Environment conservation : पर्यावरण संरक्षण के 'बीज' पर रोजगार सृजन के 'फल', जानें कैसे संभव हो पा रहा यह सब
Environment conservation : पर्यावरण संरक्षण के 'बीज' पर रोजगार सृजन के 'फल', जानें कैसे संभव हो पा रहा यह सब

पूर्वी चंपारण,[शशिभूषण कुमार]। नर्सरी के माध्यम से खुद की बेरोजगारी तो दूर की ही, डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार भी दिया। इसके अलावा साल के तीन महीने 40 बेरोजगारों को रोजगार देते हैं। तुरकौलिया प्रखंड की रघुनाथपुर पंचायत में छह एकड़ में नर्सरी के कारोबार से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने का काम कर रहे 51 वर्षीय एनामुल हक।

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ये मूल रूप से बेतिया हजारी टोला के रहनेवाले हैं। छठी पास एनामुल ढाई दशक से नर्सरी लगाने में मनोयोग से जुटे हैं। 1993 में बेतिया में संचालित अपनी पुस्तैनी नर्सरी में इन्होंने काम शुरू किया। लेकिन, कुछ अलग करने की तमन्ना लिए वे अपने भाई के जिम्मे उस नर्सरी को छोड़ मोतिहारी पहुंच गए।

1993 में दो कट्ठा जमीन किराये पर लेकर नर्सरी का काम शुरू किया। अब इनका कारोबार छह एकड़ में है। एनामुल ने पौधा तैयार करने की विधि सीखने के लिए कई प्रदेशों की नर्सरी का भ्रमण किया। आज उनकी नर्सरी में उत्कृष्ट श्रेणी के फलदार पौधों की पूरी शृंखला मौजूद है।

ये लखनऊ के मालीयाबाद से शीशम और सागवान जैसे पौधे मंगाते हैं, फूल व अन्य पौधे बंगाल से। उनकी नर्सरी नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड दिल्ली व जिला कृषि कार्यालय से अनुबंधित है। दिल्ली और जिले के अधिकारी कई बार उनकी नर्सरी का निरीक्षण कर चुके हैं। बिहार सरकार की सूची में यह नर्सरी 'ए ग्रेडÓ में दर्ज हैं।

बेहतर कार्य के लिए एनामुल को सम्मान

1994 में मुजफ्फरपुर में आयोजित अखिल भारतीय लीची प्रदर्शनी प्रतियोगिता एवं गोष्ठी में उन्हें सम्मान मिल चुका है। इसी तरह 2007 में राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र द्वारा लीची के पौधा प्रवर्धन एवं पौधशाला प्रबंधन को लेकर व 2010 में जिला उद्यान प्रतियोगिता में पपीता के पौधों, 2018 में पटना में आयोजित कृषि कुंभ मेला में आयोजित कार्यक्रम में भी एनामुल सम्मानित हो चुके हैं।

जिला सहायक उद्यान पदाधिकारी, मोतिहारी के डॉ. श्रीकांत ने कहा कि कई बार के निरीक्षण में इस नर्सरी की क्वालिटी उत्तम पाई गई है। यहां की व्यवस्था अनुकरणीय है।


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