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एसएसबी जयनगर के स्थाई मुख्यालय वाली जमीन पर सात वर्षों बाद भी कब्जा नहीं, किराए के भवन में चल रहा कार्यालय

Madhubani News अधिग्रहित जमीन पर कब्जा नहीं होने से किराए के भवन में चल रहा एसएसबी वाहिनी। अधिग्रहित 75 एकड़ भूमि की अधिसूचना निरस्त कर करें वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ। एसएसबी जयनगर मुख्यालय के लिए नई 75 एकड़ भूमि की व्यवस्था करने का भी अनुरोध।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 11:30 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 11:30 AM (IST)
एसएसबी जयनगर के स्थाई मुख्यालय वाली जमीन पर सात वर्षों बाद भी कब्जा नहीं, किराए के भवन में चल रहा कार्यालय
जयनगर में स्थित एसएसबी वाहिनी का कार्यालय

मधुबनी, जेएनएन। 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), जयनगर की स्थापना एवं निर्माण के लिए जो 75 एकड़ जमीन अर्जित की गई थी, उस जमीन पर सात वर्षों के बाद भी एसएसबी का भौतिक रुप से कब्जा नहीं हो सका है। जिस कारण एसएसबी, जयनगर के स्थाई मुख्यालय के निर्माण में रोड़ा अटका पड़ा है। अधिग्रहित भूमि पर भौतिक कब्जा नहीं हो पाने की स्थिति में 48 वीं वाहिनी एसएसबी, जयनगर को किराए के भवन में संचालित करना पड़ रहा है। जिस कारण कार्यरत जवानों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। लिहाजा 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, जयनगर के कार्यवाहक कमांडेंट द्वितीय कमान अधिकारी शंकर सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, जयनगर के स्थापना एवं निर्माण के लिए 75 एकड़ भूमि की अधिसूचना वापसी की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया है।

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 जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, जयनगर के स्थापना एवं निर्माण के लिए अर्जनाधीन रकवा 75 एकड़ भूमि के भू-धारियों के द्वारा मुआवजा प्राप्त नहीं करने एवं मामला उच्च न्यायालय, पटना में लंबित रहने के कारण जिला भू-अर्जन कार्यालय, मधुबनी के द्वारा भौतिक रुप से दखल-कब्जा नहीं दिया जा सका है। इस कारण उक्त अर्जित भूमि का घेराबंदी और निर्माण कार्य में भू-धारियों के द्वारा बाधा उत्पन्न किया जा रहा है। इससे उक्त भूमि पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सका है।

 यह मामला काफी समय से लंबित रहने के कारण एसएसबी वाहिनी को स्थाई रुप से स्थापित नहीं किया जा सका है।  उक्त भूमि पर भौतिक  कब्जा नहीं होने के कारण एसएसबी के उक्त वाहिनी को किराए के भवन में संचालित करना पड़ रहा है, जिस कारण कार्यरत जवानों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। राष्ट्र सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण भंडार का रखरखाव भी उचित तरीके से नहीं हो पा रहा है।

 अधिग्रहित जमीन पर सात वर्षों से भौतिक कब्जा नहीं होने के मद्देनजर 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, जयनगर के कार्यवाहक कमांडेंट द्वितीय कमान अधिकारी शंकर सिंह ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि अधिग्रहित भूमि 75 एकड़ की अधिसूचना निरस्त एवं वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। साथ ही यह भी अनुरोध किया है कि 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के स्थाई मुख्यालय के लिए नई 75 एकड़ भूमि दिलवाने की व्यवस्था की जाए।


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