मधुबनी की लक्ष्मी कुमारी मिथिला पेंटिंंग के क्षेत्र में भर रहींं उड़ान
लक्ष्मी कुमारी को स्कूली शिक्षा के समय से ही पेंटिंंग के प्रति लगाव होने से लक्ष्मी करीब तीन वर्षो तक इस कला में विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण हासिल करते हुए पढ़ाई के साथ-साथ मिथिला पेंटिंंग को व्यवसायिक रुप देने लगी।
मधुबनी, जेएनएन। मिथिला पेंटिंंग के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिए लक्ष्मी कुमारी इस दिशा में अपनी प्रतिभा को निखार रही है। इनके द्वारा बनाए गए मिथिला पेंटिंंग कला प्रेमियों को आकर्षित कर रहा है। मिथिला पेंटिंंग के क्षेत्र में उड़ान भर रही जिले के बासोपट्टी प्रखंड के फेंट गांव की लक्ष्मी कुमारी। स्कूली शिक्षा के समय से ही पेंटिंंग के प्रति लगाव होने से लक्ष्मी करीब तीन वर्षो तक इस कला में विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण हासिल करते हुए पढ़ाई के साथ-साथ मिथिला पेंटिंंग को व्यवसायिक रुप देने लगी। लक्ष्मी इस कला में अन्य लोगों को प्रशिक्षण देने के साथ उन्हें स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढय़ा।
मिथिला पेंटिंंग में नवीनतम प्रयोग इस कला की बारीकियों के बदौलत अपनी अलग पहचान बनाने वाली लक्ष्मी आर्यभट्ट विश्वविद्यालय, पटना द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर मिथिला पेंटिंंग के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कलाकार गोदावरी दत्त से पेङ्क्षटग की विभिन्न आयाम में माहिर हो चुकी है। लक्ष्मी ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में वरदान साबित हो चुके मिथिला पेंटिंंग को नई उंचाई दिलाने में कार्य कर रहे हैं। जिले के घोघरडीहा के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत लक्ष्मी ने बताया कि महिला सशक्तीकरण के लिए मिथिला पेंटिंंग पुल का काम कर रही है। मिथिला पेंटिंंग के विकास के लिए समाज के सभी लोगों के साथ-साथ शासन-प्रशासन को मिलजुल कर इमानदारी पूर्वक प्रयास करना होगा। मिथिला पेंटिंंग को अगर कहें की यह मिथिला की विरासत है तो इसमें कोई दो राय नहीं होगी। मिथिला पेंटिंंग देश ही नहीं विदेशों में भी काफी का प्रचलित है।