एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल में शुद्ध पानी का अभाव
मुजफ्फरपुर । जिले के दो बड़े सरकारी अस्पताल सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में पेयजल के लिए मरीज इधर-उधर भट
मुजफ्फरपुर । जिले के दो बड़े सरकारी अस्पताल सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में पेयजल के लिए मरीज इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। सदर अस्पताल परिसर में कई चापाकल बंद हैं। वार्ड में लगे आरओ की क्षमता कम होने से मरीज इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी भी पेयजल संकट से दो-चार हो रहे हैं। उनको भी बाहर से पानी मंगाकर पीना पड़ रहा है। सदर अस्पताल में इलाज को पहुंचे मोतीपुर की सरस्वती देवी ने बताया कि पुरुष वार्ड के आगे व पीछे दो चापाकल बंद पड़े हैं। ब्लड बैंक के पास स्थित चापकाल से पानी नहीं मिलता है।
खुद खरीदकर पी रहे पानी
एसकेएमसीएच में पीने को शुद्ध पानी का अभाव है। पीने के पानी को मरीज के परिजनों को 'पानी-पानी ' होना पड़ता है। परिजन का इलाज कराने आई मुशहरी की मालती देवी ने कहा कि परिसर व उसके आसपास के दुकानदार या फिर मंदिर प्रांगण के चापाकल से पानी लाने की मजबूरी है। औराई की सोनी कुमारी, कांटी के मोहन राम ने कहा कि बहुत खराब हालत है। नित्य पीने के लिए पानी खरीद कर लाते हैं। चिकित्सक व नर्स पीने के लिए अपने आवास से पानी लेकर आते हैं। कई कर्मियों ने बताया कि पेयजल की माकूल व्यवस्था नहीं होने के चलते चिकित्सक, नर्स व प्रशिक्षु परिचारिका के अलावा मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्रा दूषित पानी पीने को विवश हैं। इसके चलते बीमार भी पड़ रहे हैं। एक्वागार्ड से टपकता गर्म पानी : एसकेएमसीएच के विभिन्न वार्डो कें बरामदा से लेकरनर्सिग छात्रावास तक पीने के पानी के लिए एक्वागार्ड लगाया गया है। इसमें अधिकांश शो पीस बनकर रह गया है। कुछ में से गर्म पानी टपकता है। प्लास्टिक टैंक पर ढक्कन भी नही :
एसकेएमसीएच में सबमर्सिबल बो¨रग से आपूर्ति होने वाले पानी के प्लास्टिक के टैंक की लंबे समय से सफाई नहीं हुई है। इस टैंक का ढक्कन नहीं होने से कचरा भर गया है। इसके कारण कीड़े-मकोड़े भी इसमें गिरते और मरते रहते हैं। इसके साथ मरीजों के स्वास्थ्य पर खतरा है।
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कहते हैं उपाधीक्षक
एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही ने बताया कि अस्पताल में पानी आपूर्ति के लिए लगे चार पंप लंबे समय से खराब हैं। इनकी मरम्मत के लिए रोगी कल्याण समिति से 10 लाख 32 हजार रुपये मिले थे। इस राशि से एक बो¨रग कराने के साथ जलमीनार को जनवरी माह में शुरू करना था। लेकिन अब तक न तो कार्य पूरा हुआ और न राशि वापस हुई। अस्पताल में जलापूर्ति के लिए पांच सबमर्सिबल बो¨रग कराया गया है। इसके सहारे अस्पताल का काम जैसे-तैसे चलाया जाता है। यही नहीं पानी की समुचित आपूर्ति के अभाव में सफाई कार्य भी प्रभावित है। पूरी कोशिश है कि शुद्ध पानी की आपूर्ति नियमित हो।