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मुजफ्फरपुर में ऑक्सीजन प्लांट में सिलेंडर का अभाव, उत्पादन प्रभावित होने बढ़ी परेशानी

दामोदरपुर प्लांट से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को मोतिहारी से खाली सिलेंडर नहीं आ पाए। इससे मात्र 500 ही ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार हो सके। पर्याप्त संख्या में खाली सिलेंडर रहने पर प्रतिदिन एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार हो पाते हैं। बेला स्थित प्लांट में 840 सिलेंडर तैयार हुए।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 04:36 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 04:36 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में ऑक्‍सीजन प्‍लान में स‍िलेंडर की कमी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जासं। ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट में सिलेंडर कम रहने से परेशानी हुई। इसका उत्पादन पर भी असर पड़ा। दामोदरपुर स्थित प्लांट के पास खाली सिलेंडर कम पड़ गए थे। इससे मात्र 500 ऑक्सीजन सिलेंडर ही तैयार हो सके। शनिवार को यहां 800 सिलेंडर तैयार हुए थे। वहीं, बेला औद्योगिक क्षेत्र स्थित प्लांट में रविवार को 840 ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार हुए। दामोदरपुर प्लांट से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को मोतिहारी से खाली सिलेंडर नहीं आ पाए। इससे मात्र 500 ही ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार हो सके। पर्याप्त संख्या में खाली सिलेंडर रहने पर प्रतिदिन एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार हो पाते हंै। बेला स्थित प्लांट में 840 सिलेंडर तैयार हुए। बोकारो से लिक्विड का टैंकर आया है। सोमवार को उत्पादन बढऩे के आसार हैं। कोरोना को लेकर 24 घंटे लगातार उत्पादन कार्य चल रहा है। प्राथमिकता के आधार पर मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों, एजेंसियों व मरीजों के स्वजनों को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैैं। ड्रग इंस्पेक्टर उदय वल्लभ ने बताया कि कोरोना मरीज का इलाज करने वाले अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर का कोटा तय है। इसलिए कहीं कोई परेशानी नहीं हो रही है।

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 कंटेनमेंट जोन में टूट रहा कोराना सुरक्षा चक्र, खुलेआम हो रही आवाजाही

 ब्रह्मïपुरा इलाके में बने कंटेनमेंट जोन में कोरोना का सुरक्षा चक्र टूट रहा है। कमोवेश यही हालत अलग-अलग मोहल्लों में बने कंटेनमेंट जोन की है। ब्रह्मïपुरा निवासी सुनील कुमार ने आरोप लगाया कि घेरेबंदी कर दी गई, लेकिन गली-मोहल्ले से बाहर निकल रहे संक्रमित व्यक्ति को बाहर आने से रोकने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। अभी हालत यह है कि कंटेनमेंट जोन से लोग बाजार निकलकर खरीदारी कर रहे हैं। इससे अन्य लोगों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा बना है।

जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने जब कंटेनमेंट जोन बनाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा था उस वक्त उन्होंने कहा था कि इन मोहल्लों व गली में अधिक पॉजिटिव व्यक्ति हैं। अगर शीघ्र इन्हें रोका नहीं गया तो संक्रमण और लोगों में फैल सकता है। इसके लिए इन इलाकों की घेरेबंदी की जाए और मुख्य द्वार पर एक पुलिसकर्मी की नियुक्ति की जाए ताकि इन मोहल्ले से लोग बाहर नहीं आएं और न कोई बाहर से यहां आ सके। जब कंटेनमेंट जोन बनाया गया तो खानापूरी के रूप में महज मुख्य गेट में बांस-बल्ला लगा घेरेबंदी कर दी गई। 


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