जानिए क्यों, इस वर्ष नैक मूल्यांकन से वंचित हो जाएंगे विवि और कॉलेज
मार्च-अप्रैल महीने में ही इनके मूल्यांकन के लिए निर्देश दिया गया था। लेकिन कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के कारण इसकी तैयारी ही नहीं हो सकी है। ऐसे में मूल्यांकन हो पाना संभव नहीं है। अब नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया अगले वर्ष मार्च में ही संचालित होगी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध कई कॉलेज इस वर्ष नैक मूल्यांकन से वंचित रह जाएंगे। मार्च-अप्रैल महीने में ही इनके मूल्यांकन के लिए निर्देश दिया गया था। लेकिन, कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के कारण इसकी तैयारी ही नहीं हो सकी है। ऐसे में मूल्यांकन हो पाना संभव नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि अब नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया अगले वर्ष मार्च में ही संचालित होगी। कई कॉलेजों के दूसरे चरण का मूल्यांकन होना था। लेकिन, अब इस वर्ष मूल्यांकन का कार्य संभव नहीं है।
कई कॉलेजों का एसएसआर किया गया था रद
लॉकडाउन से पहले ही कई कॉलेजों ने एसएसआर (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) तैयार कर भेजा था। लेकिन, राजभवन ने इसे रद कर दिया था। साथ ही इसे पूरा कर निर्धारित समयावधि के बाद आवेदन करने को कहा था। लेकिन, इसके बाद लॉकडाउन हो गया। ऐसे में आगे की कोई तैयारी ही नहीं हो सकी।
नैक मूल्यांकन से मिलता है फायदा
नैक से मूल्यांकन कराने के बाद यूजीसी की ओर से विभिन्न मद में अनुदान मिलता है। विश्वविद्यालय और कॉलेज के विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, नए कोर्स को मंजूरी समेत कई प्रकार का लाभ संस्थान को मिलता है। इसके लिए फिर से कॉलेज और विवि की ओर से तैयारी शुरू की गई है।
कॉलेजों में बनी कमेटी, विवि में भी सेल का गठन
कोरोना के बाद जैसे-जैसे स्थिति सामान्य हो रही है। कॉलेजों ने तैयारी तेज कर दी है। एलएस कॉलेज में नैक मूल्यांकन के लिए कमेटी का गठन किया गया है। वहीं विश्वविद्यालय की ओर से भी आईक्यूएसी सेल गठित हुआ है। कॉलेज की ओर से गठित कमेटी में बीपीएससी से नियुक्त शिक्षकों को रखा गया है। साथ ही उनसे नए आइडिया मांगे गए हैं। बता दें कि विवि को नैक से ग्रेड बी और एलएस कॉलेज को ग्रेड ए प्राप्त है।