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जानिए, क्यों इस बार जिलेवासियों को दाल के पड़ेंगे लाले, अभी क्या है स्थिति

जिले में बाढ़ की वजह से दलहन की फसलें हुईं बर्बाद। कुल 2381 हेक्टेयर में 1655. 48 हेक्टेयर में लगी फसलें बाढ़ से बर्बाद।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 08:52 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 09:17 AM (IST)
जानिए, क्यों इस बार जिलेवासियों को दाल के पड़ेंगे लाले, अभी क्या है स्थिति
जानिए, क्यों इस बार जिलेवासियों को दाल के पड़ेंगे लाले, अभी क्या है स्थिति

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिलेवासियों को इस बार दाल के लाले पड़ेंगे। आयातित दाल से काम चलाना होगा। बदले में अधिक कीमत भी चुकानी होगी। बाढ़ के चलते जिले में दलहन की तमाम फसलें बर्बाद हो गई हैं। मसूर, मूंग और अरहर की फसलों में कुछ खेत में गल गईं तो कुछ खलिहान में। किसानों में मायूसी और निराशा है।

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फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई

कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, जिले में 2381 हेक्टेयर में दलहन की खेती की गई थी। इसमें 1655. 48 हेक्टेयर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। अब कृषि विभाग क्षति का आकलन कर रहा है। मसूर और मूंग की फसल काटकर अभी खलिहान में ही रखी गई थी, कि बाढ़-बरसात ने इसे बर्बाद कर दिया। कुछ इलाकों में अभी मूंग की फसल खेत में ही लगी थी। जबकि, अरहर की पूरी फसल बाढ़ के पानी में बह गई।

दलहन की फसल करनी ही छोड़ दी

मुशहरी के किसान संजय कुमार की मानें तो पिछले कुछ साल से दलहन का वाजिब कीमत नहीं मिलने से किसानों ने दलहन की फसल करनी ही छोड़ दी। सरैया के किसान मनोज कुमार, कुढऩी के ब्रह्मदेव प्रसाद, कांटी के लाल बाबू प्रसाद, पानापुर के रवि रंजन कुमार व औराई के शिवजी सिंह के अनुसार इस बार किसानों के लिए किसी भी फसल की खेती महंगा सौदा साबित हुई है। सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा। इसके तहत न्यूनतम 6800 और 13,400 रुपये दिए जाएंगे। जबकि, किसानों को खेती पर लाखों खर्च करना पड़ा है।

फसलों की क्षति से संबंधित रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई

उधर, जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के अनुसार फसलों की क्षति से संबंधित रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। इसकी भरपाई के लिए वैकल्पिक फसल योजना की शुरूआत की जाएगी। इसके लिए सरकार से मक्का, तोड़ी, कुल्ची, मूली और ङ्क्षभडी के 3350 ङ्क्षक्वटल बीज उपलब्ध कराने की मांग की गई है। बताते चलें कि, जिले के मुशहरी प्रखंड में 64 हेक्टेयर में लगी दलहन की फसल बर्बाद हो गई है। मुरौल में 20, सकरा में 61.97, बोचहां में 57, गायघाट में 201, कटरा में 226, औराई में 52, मीनापुर में 145.35, कांटी में 109.18, मोतीपुर में 109.18, पारू में 48, साहेबगंज में 171, सरैया में 52 व कुढऩी में 397.24 हेक्टेयर में लगी दलहन की फसल पर बाढ़ का कहर दिखा है।


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