जानिए क्यों मध्याह्न भोजन योजना में मुजफ्फरपुर 26वें स्थान तक लुढ़क गया, कहां हो रही चूक
डीपीओ बोलीं- सुधार के लिए बीआरपी को दिए गए आदेश। लापरवाही बरतने वाले प्रधानाध्यापकों पर की जाएगी कार्रवाई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में लापरवाही बरती जा रही है। जिले में 3045 स्कूलों में से 3018 स्कूलों में मध्याह्न भोजन का संचालन हो रहा है, प्रतिदिन मध्याह्न भोजन योजना की मॉनीटरिंग राज्य स्तर पर की जाती है। इसमें बच्चों की उपस्थिति और मेन्यू के अनुसार सवाल पूछे जाते हैं, लेकिन लगभग आधे से अधिक स्कूल के प्रधानाध्यापक इसकी जानकारी आइवीआरएस पोर्टल पर नहीं दे रहे हैं। मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक ने किचेन शेड, आइवीआरएस रिपोर्ट, निरीक्षण और अन्य बिंदुओं पर मासिक रिपोर्ट जारी की है। इसमें जिले को 26वीं रैंक मिली है।
किचेन शेड में फिसड्डी रहा जिला
मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक की ओर से जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार किचेन शेड में जिले को दस में से शून्य अंक मिले हैं। मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक में भी दस अंकों में शून्य अंक प्राप्त हुए हैं। कुल एक सौ अंकों में जिले को 70.78 अंक मिले हैं।
27 स्कूलों में बंद है एमडीएम का संचालन
जिले में संचालित 3045 में से 27 स्कूलों में फिलहाल मध्याह्न भोजन का संचालन बंद है। इसमें कुछ स्कूलों में अबतक किचेन शेड नहीं होने के कारण मध्याह्न भोजन शुरू नहीं हो सका है।
जांच के नाम पर पूरा किया जाता कोरम
मध्याह्न भोजन योजना की जांच डीपीओ, बीआरपी और अन्य अधिकारियों को करनी है। कई स्कूलों में मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं दिया जाता। ऐसे में कई बार बच्चों ने हंगामा भी किया है। हंगामा होने पर अधिकारी पहुंचते हैं, जबकि कभी-कभी जांच के नाम पर कोरम पूरा कर दिया जाता है।
मध्याह्न भोजन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शर्मिला राय ने कहा कि जिले की रैंकिग को देखते हुए इसमें सुधार के लिए समीक्षा की गई है। साथ ही बीआरपी को स्कूलों की मॉनीटङ्क्षरग करने और लापरवाही बरतने वाले स्कूल के प्रधानाध्यापकों को चिह्नित करने को कहा गया है। आइवीआरएस से जवाब नहीं देने पर संबंधित स्कूल को उस दिन का मध्याह्न भोजन का पैसा नहीं मिलेगा।