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INDIAN RAILWAY : जानें 31 से शुरू होने जा रही मुजफ्फरपुर-अहमदाबाद जनसाधारण एक्सप्रेस में क्या खास सुविधाएं होंगी

INDIAN RAILWAY एलएचबी कोच से होगा परिचालनविनाइल रैपिंग होगी। राष्ट्र के एकीकरण में सरदार पटेल के योगदान को ट्रेन में दर्शाया जाएगा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 11:19 AM (IST)
INDIAN RAILWAY : जानें 31 से शुरू होने जा रही मुजफ्फरपुर-अहमदाबाद जनसाधारण एक्सप्रेस में क्या खास सुविधाएं होंगी
INDIAN RAILWAY : जानें 31 से शुरू होने जा रही मुजफ्फरपुर-अहमदाबाद जनसाधारण एक्सप्रेस में क्या खास सुविधाएं होंगी

जेएनएन, मुजफ्फरपुर। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर से मुजफ्फरपुर और अहमदाबाद के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 15269/15270 मुजफ्फरपुर-अहमदाबाद-मुजफ्फरपुर जनसाधारण एक्सप्रेस का परिचालन एलएचबी कोच से किया जाएगा। 5 नवंबर से 15271 /15272 मुजफ्फरपुर-हावड़ा- मुजफ्फरपुर जनसाधारण एक्सप्रेस का परिचालन भी एलएचबी रैक से किया जाएगा। 15269/15270 मुजफ्फरपुर -अहमदाबाद-मुजफ्फरपुर जनसाधारण एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर से 31 अक्टूबर से तथा अहमदाबाद से 3 नवंबर से नए कोच में चलने लगेगी। इसी तरह 15271/15272 मुजफ्फरपुर-हावड़ा- मुजफ्फरपुर जनसाधारण एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर से 5 नवंबर से तथा हावड़ा से 6 नवंबर से एलएचबी रैक से चलेगी।

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:एलएचबी और आइसीएफ कोच की विशेषताएं 

एलएचबी कोच की औसत स्पीड 160 से 200 किमी प्रति घंटे होती है जबकि आइसीएफ कोच की स्पीड 140 किमी प्रति घंटे तक होती है। इस स्पीड पर ये दोनों कोच सुरक्षित तरीके से दौड़ते हैं। एलएचबी कोच के डिब्बे स्टेलनेस स्टील के बने होते हैं जबकि आइसीएफ कोच माइल्ड स्टील के बने होते है। एलएचबी कोच में डिस्क ब्रेक सिस्टम होता है। इससे ट्रेन को जल्दी रोका जा सकता है। आइसीएफ कोच में एयर-ब्रेक और ट्रेड ब्रेक सिस्टम होता है। इससे चलती ट्रेन को रोकने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है।

एलएचबी का व्हील बेस आइसीएफ कोच के मुकाबले छोटा होता है जो हाई स्पीड होने पर भी रेल को सुरक्षित रखता है। इससे दुर्घटना होने की संभावना कम होती है। एलएचबी कोच में अगर आप बैठेंगे तो ट्रेन के चलने की आवाज आपको ज्यादा परेशान नहीं करती है क्योंकि इसका साउंड लेवल 60 डेसिबल होता है जबकि आइसीएफ कोच का साउंड लेवल 100 डेसिबल होता है। एलएचबी कोच में दो डिब्बों की अलग तरह से कपलिंग की जाती है। दुर्घटना होने पर डिब्बे एक के ऊपर एक नहीं चढ़ते हैं। आमतौर पर दुर्घटना में आइसीएफ कोच के डिब्बे एक के ऊपर एक चढ़ जाते हैं। इससे जान-माल का ज्यादा नुकसान होता है।  


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