Move to Jagran APP

Lockdown : जानिए, इस बार आम व लीची के कारोबार का क्या है हाल, कैसी है फसल की स्थिति

Lockdown आम और लीची के बाजार पर रेड जोन का साया। मुंबई दिल्ली समेत बड़े बाजार कोरोना के चलते रेड जोन की गिरफ्त में।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 07:56 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 07:56 AM (IST)
Lockdown : जानिए, इस बार आम व लीची के कारोबार का क्या है हाल, कैसी है फसल की स्थिति
Lockdown : जानिए, इस बार आम व लीची के कारोबार का क्या है हाल, कैसी है फसल की स्थिति

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पहले मौसम की मार और अब लॉकडाउन के चलते आम व लीची से लगी किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। बाजार के अभाव में जिले में आम और लीची के 650 करोड़ के कारोबार पर ग्रहण लगता दिख रहा है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता आदि शहरों के रेड जोन में रहने के चलते इस बार लीची और आम को बाजार मिलता नहीं दिख रहा है। लिहाजा किसानों में मायूसी है। हालांकि, सरकारी स्तर पर लीची व आम को अन्य प्रदेशों में भेजने तथा बाजार उपलब्ध कराने की पहल जारी है। हार्टीकल्चर मंत्रालय ने वॉट्सएप ग्रुप बनाकर देशभर के किसान, कारोबारी और खरीदारों को जोड़ा है।

loksabha election banner

75 फीसद आम व लीची के बाग नहीं बिके

बताते चलें कि लॉकडाउन के चलते 75 फीसद किसानों का आम व लीची का बाग नहीं बिक सका है। आम में अभी कुछ वक्त है, लेकिन 15 मई तक लीची का फल तैयार हो जाएगा। मगर उत्पादन को बाजार में भेजने को लेकर किसानों में ऊहापोह है। लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह की मानें तो नेशनल हार्टीकल्चर डिपार्टमेंट और केंद्र सरकार की पहल जारी है। देशस्तर का वॉट्सएप ग्रुप बनाए जाने का फायदा लॉकडाउन के बाद ही मिल पाएगा। तत्काल, किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में सरकार को किसानों को मुआवजा देना होगा। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े बाजार रेड जोन में हैं। वहां सभी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियां बंद हैं।

किसानों के लिए एप बनाया गया 

हालांकि राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विशालनाथ की मानें तो सरकार ने लीची व आम ही नहीं सभी उद्यानिक फसलों की मार्केटिंग और ट्रांसपोर्टिंग की व्यवस्था कर दी है। किसानों के लिए एप बनाया गया है। इसकी मदद से वे अपना उत्पादन बेच सकेंगे। जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. केके वर्मा की मानें तो किसानों के उत्पादन को बाजार तक पहुंचाने की प्रशासनिक व्यवस्था की जा रही है। किसानों की सूची तैयार कर वाहन का परमिट जारी किया जाएगा। कृषि विभाग खुद इस पर नजर रख रहा है। उधर, लीची उत्पादक किसान नवीन कुमार, राजीव नयन व रामाश्रय सिंह आदि बताते हैं कि इस बार बाहर के व्यापारी नहीं आए। कुछ ने मोबाइल पर संपर्क किया। लेकिन, खरीदारी को नहीं पहुंचे हैं। सरकारी स्तर पर लीची और आम की बिक्री का आश्वासन मिला है।

एक नजर में कारोबार-

लीची :

खेती : 11 हजार हेक्टेयर

व्यवसाय : 400 करोड़

बाजार : मुंबई, दिल्ली, यूपी और नेपाल

आम :

खेती : 10 हजार हेक्टेयर

व्यवसाय : 250 करोड़

बाजार : कोलकाता, यूपी और नेपाल 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.