Westchamparan News: सब्जी की अब नहीं फिक्र, किचन गार्डेन में उगा रहीं महिलाएं
Westchamparan News वाल्मीकिनगर के 100 से अधिक घरों में विकसित हुआ किचन गार्डेन। दो साल में गूंज संस्था के सहयोग से बदली महिलाओं की सोच।
वाल्मीकिनगर [विवेक कुमार]। सौ से अधिक महिलाओं को अब सब्जी की फिक्र नहीं। क्योंकि, ये अपने किचन गार्डेन में ही उगा रहीं सब्जियां। ताजा और जैविक खाद से उगीं सब्जियां सेहत के साथ जेब का भी ख्याल रख रही हैं। वाल्मीकिनगर में इस तरह का बदलाव साफ दिख रहा है। नेपाल की महिलाएं भी यहां से प्रेरणा लेकर ऐसा ही कर रही हैं।
बगहा दो प्रखंड की वाल्मीकिनगर पंचायत में करीब दो साल पहले गूंज नामक संस्था ने माई पैड अभियान शुरू किया। मासिक धर्म में पैड के इस्तेमाल और साफ-सफाई रखने के बारे में जानकारी दी। इसके बाद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किचन गार्डेन विकसित करने का प्रशिक्षण दिया गया। घर के आसपास खाली पड़ी थोड़ी सी जमीन, छत और आंगन में किस तरह सब्जियों की खेती की जा सकती है, इसकी जानकारी दी। किचन गार्डेन विकसित करने में करीब दो हजार रुपये खर्च हुए।
गूंज के बगहा दो के प्रखंड समन्वयक अजय झा ने बताया कि पहले कुछ ही महिलाएं जुड़ीं। बाद में उनकी संख्या बढऩे लगी। अब तो सौ से अधिक महिलाएं किचन गार्डेन में नेनुआ, भिंडी, करेला, तरोई, टमाटर, मिर्च, बैगन, मूली सहित अन्य सब्जियां उगा रही हैं। इसमें सिर्फ जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है।
यहां की सुनीता देवी, सरिता देवी, गरिमा देवी, सविता और काजल ने बताया कि अब सब्जी नहीं खरीदनी पड़ती। इससे बचत के साथ ताजा सब्जियां मिल जाती हैं। नेपाल की बहुत सी महिलाएं यहां से जानकारी लेकर किचन गार्डेन में सब्जियां उगा रही हैं। इस समय कोरोना के कारण दोनों देशों की सीमा सील है। नहीं तो प्रतिदिन वहां से महिलाएं यहां आती थीं।
इस बारे में वाल्मीकिनगर के मुखिया पन्नालाल साह ने कहा कि महिलाओं की सोच बदल रही। अब घर पर उगाई सब्जियां मिल रही हैं। इससे सेहत तो अच्छी हो ही रही, रुपये की बचत भी हो रही।