मुजफ्फरपुर की किसान चाची की हालत में सुधार, इशारों में की बात
Kisan Chachi Health Update किसान चाची का इलाज करा रहे पुत्र अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि हालत में कुछ खास सुधार हुआ है। इलाज करने वाले चिकित्सक पर भरोसा है। पारू विधायक अशोक सिंह ने किसान चाची के इलाज को लेकर चिकित्सकों से संपर्क किया।
मुजफ्फरपुर, जासं। पद्मश्री से सम्मानित किसान चाची उर्फ राजकुमारी देवी की तबीयत पांचवें दिन स्थिर रही। स्वजनों ने बताया कि इशारे में वह खाने के लिए कह रही थीं, मगर हालत अब भी गंभीर है। वह वेंटिलेटर स्पोर्ट पर हैं। किसान चाची का इलाज करा रहे पुत्र अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि हालत में कुछ खास सुधार हुआ है। इलाज करने वाले चिकित्सक पर भरोसा है। पारू विधायक अशोक सिंह ने किसान चाची के इलाज को लेकर चिकित्सकों से संपर्क किया। विधायक ने किसान चाची के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मालूम हो कि 15 जनवरी को किसान चाची की तबीयत अचानक खराब हुई। स्थानीय स्तर पर इलाज के बाद उन्हें गंभीर स्थिति में पटना के बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उनके पैंक्रियाज में सूजन है तथा सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। अस्पताल के प्रबंध निदेशक पद्मश्री डा. विजय प्रकाश ने बताया कि हालत अभी जटिल है। पैंक्रियास में सूजन के साथ ही साथ लंग्स में खराबी आ गई थी। इसकी वजह से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
पर्यवेक्षण गृह के मारपीट मामले में सरकार ने पूछा, क्या हुई कार्रवाई
मुजफ्फरपुर : सिकंदरपुर स्थित पर्यवेक्षण गृह में एक जनवरी को विधि विवादित किशोरों के दो गुटों में हुई मारपीट व सामान के क्षतिग्रस्त मामले में अधीक्षक से जवाब मांगा गया है। समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक ने घटना पर अधीक्षक से पांच बिंदुओं पर जवाब देने को कहा है। पत्र में कहा है कि मारपीट व बड़े पैमाने पर सामान के क्षतिग्रस्त का मामला निंदनीय है। उप निदेशक ने अधीक्षक से पूछा गया है कि घटना के समय वे कहां थे? यदि आप उपस्थित थे तो घटना कैसे हुई? इसके साथ ही उप निदेशक ने घटना को रोकने के लिए किए गए कार्रवाई भी बताने को कहा है।
वीसी सिस्टम लगे स्थान के रख-रखाव की जिम्मेदारी वाले कर्मी का ब्योरा भी मांगा है। घटना के समय मौजूद कर्मचारियों एवं उनकी जिम्मेदारी के संबंध में भी जानकारी मांगी गई है। गृह के सुरक्षा प्रहरी को लेकर भी विस्तार से जानकारी मांगी गई है। उस समय डयूटी पर तैनात सुरक्षा प्रहरी पर की गई कार्रवाई के संबंध में भी पूछा है। उप निदेशक ने अधीक्षक से जवाब तलब करते हुए कहा कि क्यों नहीं कार्य में लापरवाही मानते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की जाए।
ज्ञात हो कि एक जनवरी को दो जिले के विधि विवादित किशोर वर्चस्व को लेकर आपस में भिड़ गए थे। इस दौरान पर्यवेक्षण गृह के कई कीमती सामान को तोड़ दिया था। जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा ने कहा कि कई बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है।